एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की एसएस जैन स्थानक में शुक्रवार को संघनायक पदम चन्द्र शास्त्री महाराज का 84वां तथा मुनि नवीन चन्द्र महाराज का 53वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर जुटे श्रद्धालुओं ने संघनायक पदम चन्द्र शास्त्री महाराज को नमन करते हुए उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
सफीदों, नगर की एसएस जैन स्थानक में शुक्रवार को संघनायक पदम चन्द्र शास्त्री महाराज का 84वां तथा मुनि नवीन चन्द्र महाराज का 53वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर जुटे श्रद्धालुओं ने संघनायक पदम चन्द्र शास्त्री महाराज को नमन करते हुए उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
वहीं मुनि नवीन चंद्र महाराज को जन्मोत्सव की बधाईयां दी गई। इस अवसर पर मुनि नवीन चन्द्र महाराज ने बताया कि संघनायक शास्त्री पदम चंद महाराज का जन्म 22 सितंबर 1940 को मदीना गांव के अग्रवाल सनातनी परिवार में मास्टर श्याम लाल के घर माता कलावंती की को से हुआ। पदम चन्द्र महाराज ने बाबा जग्गू मल महाराज, वाचस्पति मदन लाल महाराज व संघ शास्ता प्रभावक गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज, तपस्वी रत्न बद्री प्रसाद महाराज, मौनी बाबा वचन सिद्ध सेठ प्रकाश चंद महाराज व भगवन श्री राम प्रसाद महाराज के चरणों में रहकर धर्म शिक्षा को प्राप्त करके दो फरवरी 1958 को चांदनी चौक दिल्ली में जैन दीक्षा अंगीकार की। गुरुदेवों की सेवा व स्वाध्याय में विशेष रुचि रहती थी। दीक्षा ग्रहण करने के बाद वे शास्त्री पदम चंद्र महाराज के नाम से उत्तरी भारत मे जाने जाना लगा।
गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज के देवलोक के उपरांत उन्होंने इस संघ की कमान को संभाला व गुरुदेवों के नाम को और चमकाने का भरपूर प्रयास किया। 29 अप्रैल 2016 को शालीमार बाग दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने कहा कि पदम चन्द्र शास्त्री महाराज हमेशा सूरजमुखी फूल की तरह से महकते थे और अपनी खुशबु से सबको खुश रखते थे। उनके चेहरे इतना तेज था जिससे आने जाने वालों की उनके दर्शन मात्र से ही सभी चिंताए दूर हो जाती थी। वो संतो और समाजों को हमेशा एकता के सूत्र में बांधे रखते थे। इस मौके पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।