सिन्हा के पद संभालने से पहले लगभग 15 महीने तक SPG का कोई फुल टाइम डायरेक्टर नहीं था।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का 6 सितंबर, बुधवार को गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 61 साल के थे और कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे।
सिन्हा 2016 से SPG डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे थे। इस साल 31 मई को वे रिटायर होने वाले थे। रिटायरमेंट के एक दिन पहले ही सरकार ने उन्हें एक साल के लिए सर्विस एक्सटेंशन दिया गया था।
कई अहम पदों पर कर चुके हैं काम
सिन्हा 1987 बैच के केरल कैडर के IPS अफसर थे। केरल में वे एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस थे। इससे पहले सिन्हा DCP कमिश्नर, रेंज IG, इन्टेलिजेंस IG और तिरुवनंतपुरम में एडमिनिस्ट्रेटिव IG के तौर पर काम कर चुके हैं।
वे झारखंड के हजारीबाग से थे। सिन्हा ने अपना ज्यादातर करियर केरल में बिताया। वे महिलाओं की सुरक्षा और नॉन रेसिडेंट भारतीयों से जुडे़ मामलों के प्रमुख भी रहे हैं।
IPS एसोसिएशन ने दुख जताया
IPS एसोसिएशन ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सिन्हा के निधन पर दुख जताया है।
डायरेक्टर सिन्हा के निधन पर इंडियन पुलिस सर्विसेस (IPS) एसोसिएशन ने दुख जताया है। उन्होंने लिखा- SPG डायरेक्टर अरुण कुमार के निधन से हम सभी दुखी हैं। वे अपनी ड्यूटी के लिए कमिटेड थे और उनकी लीडरशिप में हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। उनकी आत्मा को शांति मिले।
क्या है स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप
SPG 1985 प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद में बनाया गया था। यह ग्रुप प्रधानमंत्री के घर,ऑफिस, देश और विदेश में होने वाले सभी कार्यक्रमों की सुरक्षा देखता है।
2019 से पहले SPG पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सिक्योरिटी भी देखता था। 2019 में एक एक्ट लाया गया। इसके तहत इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री पद छोड़ने के 5 साल बाद तक ही कोई SPG सिक्योरिटी ले सकता है।
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