हरियाणा के कैथल व गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने यूपी के सहारनपुर में रेड कर लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़ किया। गिरोह में कुल 6 सदस्य शामिल थे, पुलिस ने 2 को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि 4 अन्य फरार चल रहे हैं। लिंग जांच के बाद गर्भवती महिला को बताया गया कि उसके गर्भ में लड़का है। टीम में कैथल के नोडल अधिकारी डॉ. गौरव पूनिया और गुरुग्राम से डॉ. रवि व प्रदीप शामिल थे।
नोडल अधिकारी डॉ. गौरव पूनिया ने बताया कि गुरुग्राम की एनडीपीएस अधिकारी को गुप्त सूचना मिली कि मनीष नाम का एक व्यक्ति गुरुग्राम व कैथल से गर्भवती महिलाओं को उतर प्रदेश में किसी नामालूम जगह पर ले जाकर उनके गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच करवाने का गैर कानूनी कार्य करता है।
50 हजार रुपए की डिमांड
नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार और डॉ. रवि कुमार ने इस मामले में जांच के लिए अधिकृत किया। साथ ही सिविल सर्जन कार्यालय कैथल से संपर्क करने को कहा। इसके बाद मनीष नाम के व्यक्ति से संपर्क करके एक गर्भवती महिला के भ्रूण की जांच के लिए बात की। वह इस काम के लिये तैयार हो गए। उसने इस काम के लिए 50 हजार रुपए अपने खाते में डालने के लिए कहा। उसने कहा कि जिस दिन वह गर्भवती महिला की लिंग जांच कराएगा।
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उस दिन 10 हजार रुपए और उसके खाते में डालने होगें। उसने इस काम के लिये 60 हजार रुपए की मांग रखी जो की गुरुग्राम टीम ने स्वीकृत कर ली। फिर 2 फरवरी को सरकारी खाते से NEFT कर मनीष कुमार के खाते में 50 हजार रुपए डाले। इसके बाद मनीष ने गर्भवती महिला के भ्रूण की जांच के लिए 8 फरवरी को कैथल आने को कहा। टीम ने 7 फरवरी कैथल सिविल सर्जन कार्यालय में दूरभाष से संपर्क किया। इस दौरान उसने फिर 16 फरवरी को बुलाया।
कैथल बस स्टैंड पर बुलाया
दोनों टीमों ने बातचीत करने के बाद एक गर्भवती महिला को नकली ग्राहक के रूप में तैयार किया। इसके बाद गुरुग्राम और कैथल की संयुक्त PNDT टीम ने रेड की योजना बनाई। टीम के सदस्य महिला को लेकर सुबह 7 बजे रवाना हुए। फिर मनीष से संपर्क करके उसके बताए अनुसार नए बस अड्डा कैथल पर उसके नकली पति गुरुग्राम के साथ भेज दिया गया।
उसके बाद मनीष से हुई बात के अनुसार उसने गर्भवती महिला को गांव सोलु माजरा शिव मंदिर के पास आने के लिए कहा और बताया कि वहां पर बलबीर नाम का आदमी मिलेगा, जो कि महिला को लिंग जांच के लिए लेकर जाएगा। उस दौरान मनीष ने बकाया 10 हजार रुपए की राशि की मांग की। सुभाष शर्मा के गूगल पे द्वारा मनीष के खाते में स्थनांतरित कर दी गई। दोनों टीमें लगातार बलबीर का पीछा करती रही।
सहारनपुर के पंजाबी बाग पहुंचे
बलबीर गर्भवती महिला को लेकर कुरुक्षेत्र, यमुनानगर के रोड के रास्ते होते हुए सहारनपुर में पंजाबी बाग ले गया। वहां पर जाकर उसने किसी से मोबाइल पर संपर्क किया। कुछ समय बाद एक लड़का एक सफेद रंग की स्कूटी पर सवार होकर आया। वह बलबीर के पास रुका। बलबीर ने गर्भवती महिला को उसके लड़के के साथ भेज दिया।
तंग गलियों में हुआ गुम
दोनों टीमें लगातार महिला पर नजर रखे हुए थी और उसका पीछा कर रही थी। तंग गलियों के कारण स्कूटी पर सवार लडका अचानक किसी तंग गली में महिला को स्कूटी पर ले गया। टीम की नजरों से हट गया। टीम ने जाकर अपनी नकली ग्राहक गर्भवती महिला से संपर्क किया तो महिला ने बताया कि एक सुभाष नाम के व्यक्ति के मकान में एक डॉक्टर द्वारा उसका अल्ट्रासाउंड पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से किया।
बलबीर को पकड़ कर लौटी टीम
महिला ने बताया कि वह न तो कोई अस्पताल था, ना ही कोई पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर था। उसे वहां पर उसके गर्भ में लड़का होने की बात कही गई। इसके बाद दोनों टीमें बलबीर को पकड़कर जिला कैथल वापस आ गये। रास्ते में बलबीर ने बताया कि एक संदीप इसमें शामिल है। जिसको 60 हजार रुपए में से 10 हजार रुपए लिंग जांच के लिए मिलते हैं।
दूसरे साथी को पकड़ा
टीम ने बलबीर को संदीप से मोबाइल पर संपर्क करने को कहा व संदीप ने बलबीर को करनाल रोड़ कैथल स्थित एक पैलेस में बुलाया। उसके बाद टीम ने संदीप को भी मौके पर ही पकड़ लिया। डॉ. गौरव पूनिया ने बताया कि टीम ने संदीप और बलबीर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। जबकि सुभाष और मनीष सहित अन्य दो आरोपी फरार हैं।
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