एक पक्ष धर्मशाला तो दूसरा पक्ष बनाना चाहता है स्कूल
एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव खेड़ा खेमावती में रविवार सुबह पंचायती जमीन पर एक बिरादरी के लोगों द्वारा मिट्टी डाले जाने का ग्रामीणों के द्वारा जबरदस्त विरोध किया गया। किसी तरह गांव के मौजिज लोगों ने बीच-बचाव करके मामले को सुलझाया। रविवार सुबह गांव खेड़ा खेमावती में सैनी समाज के लोगों ने गांव की पंचायती जमीन पर समाज की धर्मशाला बनाने के लिए मिट्टी डालने का कार्य शुरू कर दिया।
इस समाज के लोगों का कहना था कि पिछली पंचायत के सरपंच ने हमें समाज की धर्मशाला बनाने के लिए 2 कनाल जमीन का रेजुलेशन पास करके दिया था। जिसकी निशानदेही शनिवार को करवाई गई थी। आज सुबह उसी निशानदेही के अनुसार उस जगह पर मिट्टी डालने का काम किया जा रहा था। वहीं गांव के अन्य ग्रामीणों ने विरोध करते हुए कहा कि वे पंचायती जमीन को ऐसे कैसे दबा सकते हैं और ग्रामीणों ने मिट्टी डालने के कार्य को रूकवा दिया। उनका कहना था कि एक ही समाज को दो-दो कनाल का रेजूलेशन पिछली पंचायत ने जो दिया है वह अंडर टेबल बनाकर दिया है।
हम ऐसा कतई नहीं होने देंगे। अगर यहां पर कोई कार्य करना ही है तो वह सर्वसमाज के लिए होना चाहिए। इस जगह का लड़कियों के स्कूल, खेल के मैदान या व्यामशाला के लिए प्रयोग में लाना चाहिए। अगर ऐसे ही अवैध निर्माण होते रहे तो एक दिन गांव से पंचायती जमीन खत्म हो जाएगी। मामले की सूचना पाकर गांव की नवनिर्वाचित सरपंच अंजू रानी के प्रतिनिधि नरेश कुमार मौके पर पहुंचे और मिट्टी डाल रहे लोगों से रेजूलेशन की कॉपी मांगी। जिस पर सैनी समाज के लोगों ने रेजूलेशन की कॉपी तो दिखाई लेकिन इस कार्य के लिए उनके पास अपरूवल नहीं थी। उनका कहना था कि वे इसी अप्रूवल सरकारी विभाग के अधिकारियों से बहुत जल्द लाकर देंगे और अपनी धर्मशाला यहीं पर बनाएंगे। काफी देर टेक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगाते रहे। गणमान्य लोगों के द्वारा काफी जद्दोजहद के बाद ग्रामीणों को समझाया गया।
तभी सैनी समाज के लोगो ने कहा कि रेजुलेशन हो रखा है अगर फिर भी दिक्कत है तो अप्रूवल आने के बाद ही यहां पर कंस्ट्रक्शन का काम शुरू होगा। इस मामले में सरपंच प्रतिनिधि नरेश कुमार का कहना है कि दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामले को शांत करवा दिया गया है। कागजातों की पड़ताल करने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।