सीआईए टीम को देखकर जोहड़ मं कूदकर हुई युवक की मौत का मामला

ग्रामीणों ने साढ़े 4 घंटे किया सफीदों-असंध मार्ग जाम
मांगों पर प्रशासन के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खोला
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा

एस• के • मित्तल      
सफीदों,         सफीदों से सटे गांव खेड़ा खेमावती में सीआईए टीम को देखकर जोहड़ में कूदकर हुई मौत के मामले में परिजनों ने शनिवार सुबह सफीदों-असंध मार्ग को जाम कर दिया। जाम की सूचना पाकर एसडीएम सत्यवान मान, डीएसपी आशिष कुमार, डीएसपी रवि खुंडिया, सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार व सदर थाना प्रभारी धर्मबीर सिंह मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन ग्रामीण इस बात पर अड़े थे कि जब तक उनकी सभी मांगे नहीं मान ली जाती तब तक वे जाम को खोलने वाले नहीं हैं।
इस मामले में रात को भी ग्रामीणों ने जाम लगा दिया था। इसी बीच पुलिस अपने बंधक कर्मी को ग्रामीणों से छुड़ा लिया। जिससे गांव का माहौल पूरी तरह से गरमा गया। ग्रामीणों ने पुलिस के ऊपर पथराव शुरू कर दिया। देर रात तक जाम व तनाव लगातार जारी रहा। रात में प्रशासन व परिजनों के बीच इस बात की सहमति बनी कि शनिवार सुबह 10 बजे उनकी सभी मांगे मान ली जाएंगी। इस आश्वासन पर परिजनों व ग्रामीणों ने रात में जाम खोल दिया। ग्रामीणों के मुताबिक शनिवार सुबह पुलिस गांव में आई और उनकी ओर से पैरवी कर रहे गांव के ही निवासी एडवोकेट नरेश सौलंकी को उठाकर ले गई। इस बात से आहत ग्रामीणों ने 10 बजे का इंतजार करने की बजाए करीब सवा 9 बजे ही सफीदों-असंध मार्ग को फिर से जाम कर दिया। जाम की सूचना पाकर एसडीएम सत्यवान मान, डीएसपी आशिष कुमार, डीएसपी रवि खुंडिया, सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार व सदर थाना प्रभारी धर्मबीर सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को काफी समझाया-बुझाया लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
इसी बीच जेजेपी जिलाध्यक्ष कृष्ण राठी मौके पर पहुंचे और इस मामले में मध्यस्था की। कृष्ण राठी ने प्रशासन, परिजनों व ग्रामीणों की गांव में ही किसी स्थान पर एक बैठक की। इस बैठक में कुछ सहमति बनने के बाद परिजनों ने जाम खोल दिया तथा वहां से परिजन व अन्य ग्रामीण सीधे नगर के नागरिक अस्पताल में पहुंच गए। परिजनों की मांग थी कि जब तक छापमार टीम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं कर लिया जाता, मृतक परिजनों को सहायता राशि व सरकारी नौकरी नहीं उपलब्ध करवाई जाती है तब तक वे मानने वाले नहीं है। नागरिक अस्पताल में मृत्तक की पत्नी तनूजा का कहना था कि उसके सिर से पति तथा बच्चों के ऊपर से बाप का साया उठ गया है। उसका व उसके दो छोटे-छोटे बच्चों का कैसे जीवन यापन कैसे होगा। प्रशासन और पुलिस इस मामले को दबाने के फिराक में है। मेरे इस गरीब परिवार को कोई न्याय नहीं दे रहा है। उन्हे शासन और प्रशासन से न्याय की दरकार है।
एक वकील नरेश सौलंकी ने उनकी पैरवी करने की कोशिश की तो पुलिस ने उसे ही गांव से उठवा लिया। इस सारे मामले को पुलिस डरा धमकाकर रफादफा करने पर तुली हुई है। जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगी। वह मृत्तक की एक बहन सीमा का कहना था कि 5 बहनों पर गोविंदा उनका इकलौता भाई था। पुलिस के कु्रर हाथों ने उनके एकमात्र सहारे को उनसे छिन लिया है। अभी कुछ ही दिनों में रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है वे अब किसकी कलाई पर  अपनी राखी बांधेगी और कौन उनके यहां पर सावन का लेकर आएगा। वहीं दोपहर बाद एडवोकेट नरेश सौलंकी नागरिक अस्पताल में पहुंचकर बताया कि पुलिस ने सुबह ने ही उसे कस्टड़ी में ले लिया था और उसे अब छोड़ा गया है। वहीं नागरिक अस्पताल में जेजेपी जिलाध्यक्ष कृष्ण राठी ने बताया कि प्रशासन व परिवार के बीच सहमति बन चुकी है। इसके अलावा उपायुक्त जींद से उनकी बात हो चुकी है। परिवार के दो सदस्यों को नौकरी, ज्यादा से ज्यादा मुआवजा व जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन परिवार को दिया गया है तथा परिवार पूरी तरह से सहमत है। इस मामले में डीएसपी रवि खूडिया ने पत्रकारों को बताया कि प्रशासन व परिवार के लोगों के बीच बातचीत हो चुकी है। मुआवजा राशि व सरकारी नौकरी को लेकर आपस में सहमति बन चुकी है। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा जाएगा और उसके उपरांत शव का दाह संस्कार होगा। सरकार के नियम के हिसाब से जो भी मुआवजा राशि व नौकरी होगी वह प्रशासन की ओर से 5 और 7 दिन के भीतर दे दी जाएगी।
उन्होंने एडवोकेट नरेश सोलंकी के हिरासत में लेने के प्रश्न पर कहा कि पुलिस ने किसी को भी हिरासत में नहीं लिया है। रात को पुलिस के ऊपर पथराव हुआ है तथा पुलिस के गाडिय़ां भी तोड़ी गई है। गौरतलब है कि शुक्रवार को सीआईए स्टाफ सफीदों को सूचना मिली थी कि गांव खेड़ाखेमावती में कुछ युवक जुआ खेल रहे हैं। सूचना के आधार पर सीआईए स्टाफ छापेमारी करने मौके पर पहुंची तो पुलिस पार्टी को देख जुआ खेल रहे युवक नजदीक तालाब में कूद गए। इस दौरान तीन युवक सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए जबकि 25 वर्षीय गोबिंद डूब गया। हालात बिगडते देख पुलिसकर्मी वहां से खिसक गए जबकि चालक सिपाही सुरेंद्र को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था, जिसे देर रात पुलिस गांव से निकाल ले गई थी। ग्रामीणों ने गोबिंद को तालाब से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर उसकी मौत हो गई थी।

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