राधा-कृष्ण झांकी ने सभी का मन मोहा
एस• के • मित्तल
सफीदों, श्री सतनारायण मंदिर सभा के तत्वावधान में पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में विशेष झांकियां प्रस्तुत की गई। राधा-कृष्ण की झांकी ने श्रद्धालुओं का विशेष रूप से मन मोहा। राधा-कृष्ण के स्वरूपों द्वारा प्रस्तुत महारास में श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। कथा में भागवत व्यास राम उपाध्याय (वृंदावन) का सानिध्य प्राप्त हुआ।
सफीदों, श्री सतनारायण मंदिर सभा के तत्वावधान में पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में विशेष झांकियां प्रस्तुत की गई। राधा-कृष्ण की झांकी ने श्रद्धालुओं का विशेष रूप से मन मोहा। राधा-कृष्ण के स्वरूपों द्वारा प्रस्तुत महारास में श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। कथा में भागवत व्यास राम उपाध्याय (वृंदावन) का सानिध्य प्राप्त हुआ।
व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए राम उपाध्याय (वृंदावन) ने श्रीमद्भागवत की कथा के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है। जिस प्रकार राजा परीक्षित ने श्रीमद्भागवत की कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे हीं श्रीमद्भागवत की कथा जीवों को अभय बना देती है। श्रीमद् भागवत कथा पुराण में सभी ग्रन्थों का सार है और यही एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें भगवान की सभी लीलाओं का वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीमन्न नारायण ने अनेक लीलाएं की है और अनेक अवतारों में मनुष्य को सामान्य रूप से जीने की शिक्षा दी है।
इस दौरान राम उपाध्याय ने राजा परीक्षित जन्म, विधुर कृष्ण मिलन व भगवान का विराट रूप के साथ-साथ मनु वंश वर्णन व वराह अवतार सहित भगवान कपिल के अवतार की कथाओं का प्रसंग सारांश रूप से भक्तों को बताया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को चाहिए कि वह भगवान और भक्त की कथा का मनन करें और अपना जीवन भक्तिभाव में व्यतीत करें। जिसके जीवन में भक्ति आ जाएगी उसका जीवन संवर जाएगा।