हरियाणा के हिसार में शुक्रवार को CET की परीक्षा के लिए बस बुकिंग को लेकर बवाल हो गया। यहां रोडवेज वर्कशॉप में बुकिंग के लिए युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां लड़के-लड़कियों के लिए एक ही लाइन बनाई हुई थी। बवाल बढ़ने पर पुलिस ने युवाओं पर जमकर लाठियां भांजी। इस पर परीक्षार्थी भड़क गए और वर्कशॉप की रेलिंग तोड़ दी। ऐसे में CET की परीक्षा देने से एक दिन पहले परीक्षार्थियों को पुलिस के डंडे खाने पड़े।
CET की परीक्षा 5 और 6 नवंबर को है। हिसार जिला के 1 लाख 21 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी दस जिलों में जाकर परीक्षा देंगे। जबकि हिसार के 65 परीक्षा केंद्रों पर 1 लाख 12 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी परीक्षा देने आएंगे।
हिसार में रोडवेज वर्कशॉप में CET परीक्षार्थी और पुलिस आमने सामने।
भीड़ के आगे कम पड़ गए स्टॉल
वर्कशॉप में रोडवेज विभाग ने रजिस्ट्रेशन के लिए स्टॉल लगाए गए, लेकिन युवाओं की भीड़ के सामने ये स्टॉल कम पड़ गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रोडवेज कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जिस कारण वर्कशॉप पर पुलिस कर्मचारियों की तैनात की गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठियां भी भांजी और घेरा तोड़कर अंदर दाखिल हुए युवाओं को बाहर भेजा। इतना ही नहीं भीड़ ने रोडवेज पार्क के चारों ओर लगी ग्रिल को तोड़ दिया।
CET परीक्षार्थियों पर डंडे बरसाते पुलिस वाले।
बस स्टैंड पर परेशान हो रहे परीक्षार्थी
न्याणा गांव के परीक्षार्थी ने कहा कि उसने गुरुग्राम पेपर देने के लिए जाना है। परंतु कोई बस नहीं है। ऐसे में वह कल कैसे पेपर देने के लिए पहुंच पाएगा। वह सुबह 7 बजे आया था। परंतु अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका। अनुज ने बताया कि उसने भी गुरुग्राम जाना है। 7 बजे से आया हूं, परंतु गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए कोई बस उपलब्ध नहीं है। अब भी इंतजार कर रहा हूं, कोई समाधान हो जाए।
लाठीचार्ज के बाद भड़के परीक्षार्थी रेलिंग तोड़ते हुए।
लड़के और लड़कियों के लिए एक ही लाइन
रोडवेज प्रशासन बस बुकिंग के लिए पूरी तरह से इंतजाम नहीं कर सका। लड़के व लड़कियों के लिए अलग- अलग लाइन नहीं लगवाई गई। जिस कारण इंतजाम फेल हो गए। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। रोडवेज की वर्कशॉप में आर्य नगर हिसार से पहुंचे सुनील ने बताया कि उसका पेपर महेंद्रगढ़ में है। सुबह साढ़े 8 बजे रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पहुंचे, लेकिन भीड़ देखकर वे लाइन में जुटने की हिम्मत नहीं कर सके। इसलिए एक तरफ बैठकर कर भीड़ कम होने का इंतजार करने लगे।