तेजस मार्क-2 भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रही है। ये एयरक्राफ्ट मिग-29, मिराज-2000 जैसे पुराने फाइटर प्लेन की जगह लेगा।
हल्के लड़ाकू विमान एलसीए मार्क-2 और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की पहली दो स्क्वॉड्रन के इंजन अब देश में ही बनेंगे। भारत में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख डॉ समीर वी कामत ने शनिवार 18 नवंबर को बताया कि अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर ये इंजन बनाएंगे। अमेरिका से इसकी सभी मंजूरी मिल गई है।
एलसीए-मार्क 2 मिराज, जगुआर और मिग को रिप्लेस करेगा
कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) ने इसी साल 30 अगस्त को एलसीए मार्क-2 लड़ाकू विमानों के निर्माण की मंजूरी दी थी। यह विमान चरणबद्ध तरीके से मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। एलसीए मार्क-2 का निर्माण 2027 तक कर लिया जाएगा।
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के चीफ गिरीश देवधरे ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया- एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन प्रोजेक्ट को सरकार की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए डिजाइनर्स को 17.5 टन का सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट डिजाइन करना होगा।
एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन को इसी साल 30 अगस्त को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी मिली थी।
नए एयरक्राफ्ट्स को लेकर भारत की तैयारी
डीआरडीओ GE-414 इंजन के साथ एयरक्राफ्ट विकसित करेगा। GE-414, GE-404 का एडवांस्ड वर्जन है। GE-404 इंजन मौजूदा LCAs और 83 LCA मार्क 1As में लगा है। 83 LCA मार्क 1As अगले कुछ सालों में भारतीय एयरफोर्स में शामिल हो जाएगा।
वर्तमान में 30 एलसीए भारतीय वायुसेना की सेवा में हैं। दो का इस्तेमाल HAL द्वारा मार्क 1ए विकसित करने के लिए किया जा रहा है।
सरकार का एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के डेवलपमेंट का भी प्रस्ताव है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।