हरियाणा में मिसिंग के मामलों को लेकर पुलिस के होश उड़े हुए हैं। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के क्रिमिनल इंटेलिजेंस गजट के अनुसार राज्य में रोज 40 लोग मिसिंग हो रहे हैं। 2022 में जनवरी से 31 अगस्त तक सूबे में 9,492 गुमशुदगी के मामले पुलिस थानों में दर्ज किए गए। हर साल के औसत की बात करें तो लगभग 14 हजार हरियाणवी हर साल लापता हो रहे हैं।
2021 में इसी अवधि के दौरान गुमशुदा व्यक्तियों की कुल 7,886 शिकायतों के साथ राज्य में लापता व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिसमें मासिक औसत 973 मामले हैं।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट हुई एक्टिव
गुमशुदा व्यक्तियों के मामलों से निपटने वाले पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य पुलिस ने लापता बच्चों का पता लगाने के लिए अपनी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) एक्टिव की है। इस वर्ष 31 अगस्त तक 378 लापता बच्चों और 482 वयस्कों को उनके परिवारों के साथ खोज कर फिर से मिला दिया है। खोजे गए बच्चों में 205 लड़के और 173 लड़कियां शामिल हैं, जबकि वयस्कों में 226 पुरुष और 256 महिलाएं शामिल हैं।
पुलिस का दावा रोज 22 लोगों ढूंढ रहे
पुलिस का दावा है कि उन्होंने 31 अगस्त तक कुल 5,403 लापता लोगों का पता लगाया है, जो 2021 में इसी अवधि के दौरान मिले 4,435 लापता लोगों की तुलना में 22 लोगों का दैनिक औसत है। पिछले साल राज्य से लगभग 231 नाबालिग लापता हो गए थे और पुलिस उनमें से लगभग 110 का पता लगाने में सफल रही है।
गृह मंत्री बनवा चुके SOP
हरियाणा के लापता लोगों की तलाश के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर चुकी है। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार कर ली गई है। हरियाणा पुलिस को होम मिनिस्टर विज ने गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए एक महीने पहले 4 महीने का टाइम दिया। उन्होंने कहा कि अगर दिए गए समय में पुलिस इस काम को पूरा नहीं कर पाएगी तो यह जिम्मेदारी स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी।