हरियाणा में पंचायत चुनावों की कल होने वाली घोषणा टल सकती है। सूत्रों की मानें तो सरकार के पंचायत विभाग ने आयोग को तैयारियों का लेटर नहीं भेजा। इसी लेटर के आधार पर आयोग ने चुनावों का ऐलान करना था।
हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से औपचारिक तौर पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। पहले घोषणा करने की वजह से चुनाव आयोग के अफसर अपनी खिल्ली उड़ते देख चुप्पी साधकर बैठे हैं। वहीं सरकार इसे चुनाव आयोग का काम बता प्रतिक्रिया देने से पल्ला झाड़ रही है।
18 महीने देरी से होंगे चुनाव
इस बार कोविड पाबंदियों के चलते पंचायत चुनाव कराने में करीब 18 महीने की देरी हो रही है। हरियाणा में 2016 में तीन चरणों में पंचायत चुनाव कराए गए थे।
2010 से लेट हो रहे चुनाव
पंचायत चुनाव हर पांच साल में होने चाहिए, लेकिन पिछले कुछ सालों से समय पर चुनाव नहीं हो पाए। 2010 में पांच महीने की देरी हुई थी। अगला चुनाव जून, 2015 में होना था लेकिन इसमें देरी हो गई क्योंकि तत्कालीन नवगठित भाजपा सरकार ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य शिक्षा-मानदंड पेश किए थे।
पहले 2 चरणों में होने थे चुनाव
पहले स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) दो चरणों में चुनाव कराने पर विचार कर रहा था, लेकिन अधिकारियों की कमी के कारण चुनाव चार चरणों में होंगे। SEC पहले से ही अत्यधिक संवेदनशील के रूप में नामित मतदान केंद्रों की पूरी वीडियोग्राफी सुनिश्चित करने के लिए तैयारी कर रहा है। राज्य भर के सभी मतदान केंद्रों पर निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।