- टाॅयलेटों का सुधारीकरण न होना, कचरा डंपिंग प्वाइंट खत्म न होना, बेसहारा पशुओं की समस्या का असर
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से साफ है कि शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। स्वच्छता को लेकर किए जा रहे दावों में बिल्कुल भी दम नहीं है। सड़कों व बाजारों में लगे कूड़े के ढ़ेर हैं। सर्वेक्षण रिपोर्ट से शहर में अधिकारियों की काफी किरकिरी हो रही है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 रैंकिंग में सिरसा जिले की रैंकिंग देशभर में 254वीं आई है। जबकि हरियाणा में 18वें नंबर पर रहा है। 2021 में सिरसा की रैंकिंग 238वीं आई थीं।
हालांकि 2020 में 176वां रैंक हासिल करके कुछ सुधार हुआ था। लेकिन इस बार स्थिति लुढ़क गई। स्वच्छता में पिछड़ने के शहर में कई कारण बन रहे हैं। पिछले कई वर्षों से शहर में साफ-सफाई, टाॅयलेटों का सुधारीकरण न होना, कचरा डंपिंग प्वाइंट खत्म न होना, बेसहारा पशुओं की समस्या, पार्कों के सुधारीकरण, सूखा-गीला कचरा आदि अनेक कारण ऐसे हैं जो स्वच्छता रैंकिंग को पछाड़ रहे हैं। वहीं ऐलनाबाद में हुई दिशा की मीटिंग में सांसद सुनीता दुग्गल शहर की सफाई का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद साफ-सफाई को लेकर डीसी ने ईओ से 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा था और तीन दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए थे।