करनाल गौशाला में मौजूद गाय।
हरियाणा में गोवंश को लेकर राज्य सरकार 8 साल में कुछ ठोस नहीं कर पाई है। यहां तो सरकारी विभाग ही मृत गोवंश की कटाई के ठेके देते हैं। राज्य की गौशालाओं और सड़कों पर मरने वाले गोवंश के मांस, चर्बी, हडि्डयों और चमड़ी के कारोबार पर कोई पाबंदी नहीं है। न ही ऐसे गोवंश को दफनाने का कोई नियम है। इसी का फायदा हड्डी-मांस का कारोबार करने वाले उठा रहे हैं।
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करनाल में 45 से ज्यादा गायों को जहर देकर मारने के आरोपी पुलिस रिमांड में खुद मान चुके हैं कि वह इन गायों को काटकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। ऐसे लोग सड़कों और गौशालाओं में गायों को जहर देकर मारने और गोमांस व चर्बी की तस्करी करने से डरते नहीं हैं। करनाल, शाहाबाद, हिसार, अंबाला और नीलोखेड़ी में जहर देकर गायों को मारने के पीछे यही कारोबार है।
करनाल गौशाला में मृतक गायों की फाइल फोटो।
गौतस्करी के 350 केस अदालतों में पेंडिंग
एक आंकड़े के अनुसार, हरियाणा में गौतस्करी के 350 केस अदालतों में पेंडिंग है। इनमें फैसला कब आएगा? तय नहीं है। यही वजह है कि गायों के मांस, हड्डी, चर्बी और चमड़ी का कारोबार करने वालों में कानून का खौफ नजर नहीं आता।
गौशालाओं का रिकॉर्ड नहीं
हरियाणा में 628 गौशालाएं हैं जिनमें करीब साढ़े चार लाख गाय, नंदी और बछड़े-बछड़ियां हैं। इन गौशालाओं का प्रबंधन कौन करता है? इसका फुलप्रूफ रिकॉर्ड आज तक सरकारी कागजों में उतारा नहीं जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार, सवा लाख गोवंश आज भी राज्य की सड़कों पर दम तोड़ने को मजबूर हैं। शाहाबाद की गौशाला में 105 गोवंश का एक साथ दम तोड़ना इसी का सबूत है।
प्रदेश में गौतस्करी के बढ़ते केस, चारे के लिए तड़पती गायें और गौशालाओं का लचर प्रबंधन सबके सामने है। गौशालाओं में चारे के अभाव में तड़प-तड़पकर मरने को मजबूर गोवंश के लिए गौसेवा आयोग भी कुछ ठोस नहीं कर पाया।
करनाल गौशाला के शैड का दृश्य।
50 रुपए में कैसे भरें गाय का पेट
करनाल की एक गौशाला के संचालक ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि गायों का पेट भरने के लिए सरकार की मदद सिर्फ नाममात्र की है। महंगाई के दौर में मात्र 50 रुपए में एक गाय का पेट कैसे भरा जा सकता है? सरकार से यह पैसा भी कब मिलेगा? कोई समय सीमा तय नहीं है। ऐसे में मजबूरन उन्हें दानदाताओं पर निर्भर रहना पड़ता है।
गोगी बोले- गौसंरक्षण से BJP को कोई सरोकार नहीं
करनाल जिले की असंध सीट से कांग्रेस के विधायक शमशेर सिंह गोगी का आरोप है कि BJP सरकार गायों के नाम पर केवल राजनीति करती है। गायों के संरक्षण से BJP के किसी नेता का कोई सरोकार नहीं है। गौसेवा आयोग में चापलूस भर्ती हैं। करनाल की सरकारी गौशाला में 60 गौवंश की मौत के बाद आयोग के सदस्य कागज काले कर निकल गए।
गायों को गुड खिलाते CM।
महीने बाद भी मास्टरमाइंड पकड़ से दूर
करनाल की सरकारी गौशाला में 45 गायों को जहर देकर मारने वाले आरोपियों को पुलिस ने 12 फरवरी को गिरफ्तार किया। पांच दिन के रिमांड के बाद इन्हें जेल भेज दिया गया जिसे तकरीबन 20 दिन हो चुके है। इस कांड के मास्टरमाइंड अब तक फरार हैं। जहर बेचने वाला अमर, अंबाला का विजय और मृत गोवंश का ठेका लेने वाला अमित अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं। हालांकि करनाल CIA-2 के इंचार्ज मोहनलाल का दावा है कि आरोपियों की तलाश चल रही है।
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