गुरुग्राम. हरियाणा के गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद 400 करोड़ रुपये के सिटी बैंक घोटाले के कथित मास्टरमाइंड शिवराज पुरी की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हुई है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शिवराज पुरी (46) तपेदिक रोग यानी (टीबी) से पीड़ित था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले 18 दिनों में टीबी से पीड़ित होने के बाद मरने वाला भोंडसी जेल का यह तीसरा कैदी है.
अधिकारी के मुताबिक खेरकी दौला थाने में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में शिवराज पुरी नवंबर 2020 से जेल में था. अधिकारी ने कहा कि पुरी का इलाज महरौली के एलआरएस अस्पताल में चल रहा था, जहां बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे उसकी मौत हो गई. पुरी को पहली बार 2010 में 400 करोड़ रुपये के सिटी बैंक घोटाले के सिलसिले में पकड़ा गया था.
उसका गलत इस्तेमाल भी किया था
बता दें कि साल 2010 में गुड़गांव में 400 करोड़ के बैंक घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है था. गुडगांव के डीएलएफ फेस टू इलाके के सिटी बैंक के एक रिलेशनशिप मैनेजर पर ग्राहकों से धोखाधड़ी का आरोप लगा था. खुद बैंक के ब्रांच मैनेजर ने रिलेशनशिप मैनेजर शिवराज पुरी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. ब्रांच मैनेजर के मुताबिक, रिलेशनशिप मैनेजर शिवराज पुरी ने अपने निजी बैंक खातों में ग्राहकों का पैसा निवेश करने के बहाने न सिर्फ जमा कराया बल्कि उसका गलत इस्तेमाल भी किया था.
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शिवराज पुरी के जाल में कई मल्टीनेश्नल कंपनियां भी फंस गई थीं
गुड़गांव पुलिस ने शिवराज पुरी के खिलाफ ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया था. तब पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही पुलिस ने शिवराज के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया था. धोखेबाज रिलेशनशिप मैनेजर पिछले एक साल से ग्राहकों को ऐसे ही चूना लगा रहा था. मामला सामने आते ही शिवराज पुरी और उसके रिश्तेदारों के 14 बैंक खातों को फ्रीज कर लिया गया था. हैरानी की बात है कि शिवराज पुरी के जाल में कई मल्टीनेश्नल कंपनियां भी फंस गई थीं.
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