कमिश्नर बोले सामुदायिक भवनों के निर्माण में आती है लागत, उसे मेन टेन करने के लिए बनाई गई है योजना, लीज पर देने के बाद भी नहीं बढ़ेंगे रेट।
नगर निगम सीमाक्षेत्र में बने सामुदायिक भवनों को लीज पर देने का मामला ग्रीवांस कमेटी की बैठक में उठनेे बाद नगर निगम ने यूटर्न लिया है। इसे लीज पर देने से पहले सभी आरडब्ल्यूए के साथ बैठक की जाएगी। पहली प्राथमिकता संबंधित आरडब्ल्यूए को दी जाएगी।यदि आरडब्ल्यूए सामुदायिक भवनों को लेने के लिए तैयार नहीं हेागी तभी उसे निजी व्यक्तियों को दिया जाएगा।
निगम प्रशासन का यह भी कहना है कि यदि सामुदायिक भवनों को लीज पर भी दिया जाता है तो उसके रेट निर्धारित हाेंगे। बुकिंग का रेट बढ़ाया नहीं जाएगा। साफ है कि सामुदायिक भवनों की बुकिंग महंगी नहीं होगी। जल्द ही इसके लिए बैठक बुलाई जाएगी।
बता दें कि नगर निगम प्रशासन सामुदायिक भवनाें को लीज पर देने की योजना बनाई है। इसके लिए टेंडर भी जारी किए गए थे। लेकिन इसे लेकर आरडल्ब्यएू ने नाराजगी जाहिर की। पिछले दिनों हुई ग्रीवांस कमेटी की बैठक में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सामने यह मुद्दा भी उठा और सामुदायिक भवनों को आरडब्ल्यूए के पास ही रहने की बात कही गई। इस पर डिप्टी सीएम ने सभी विधायकों, नगर निगम कमिश्नर, एचएसवीपी प्रशासन की एक कमेटी बनाने की घोषणा की। कमेटी बैठक करके इस पर अंतिम फैसला लेगी।
निगम ने पाॅलिसी में किया है थोड़ा बदलाव
मामला डिप्टी सीएम के दरबार में आने के बाद नगर निगम ने अपनी पॉलिसी में थोड़ा बदलाव किया है। नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव का
कहना है कि डिप्टी सीएम के आदेश पर पहले आरडब्ल्यूए के साथ बैठक की जाएगी। इसबात का निर्णय लिया जाएगा कि सामुदायिक भवन संबंधित अारडल्ब्यूए को ही दिया जाए। इसका मुख्य उदेश्य भवनांे को ठीक रखना है न कि आमदनी कमाना। उन्होंने बताया कई ऐसे सामुदायिक भवन हैं जो रखरखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही एक बैठक की जाएगी और सामुदायिक भवनों को देने में आरडल्ब्यूए को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि लीज पर देने का मकसद कमाई करना नहीं बल्कि उसके मेनटेन को ठीक रखना है। उन्होंने बताया कि आरडल्ब्यूए के मना करने के बाद भी उन्हें लीज पर दिया जाएगा।