करीब 100 करोड़ की लागत से गांव करसिंधू में बनना प्रस्तावित था पैरामेडीकल कॉलेज
सफीदों, सफीदों जैसे पिछड़े इलाके के गांव करसिंधू में 4 एकड़ भूमि में 100 करोड़ की लागत से प्रस्तावित पैरामेडीकल कॉलेज का यहां से जींद स्थानांनतरित होना यहां के लोगों को रास नहीं आ रहा है। एक बड़े प्रोजेक्ट के इस प्रकार से यहां से चले जाने को सफीदों विधानसभा क्षेत्र के लोग इसे गहरे झटके के समान मान रहे हैं और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जनता इसे यहां के सत्तासीन नेताओं का कमजोर नेतृत्व और यहां विपक्ष का विधायक होना मान रही है।
क्या है पूरा मामला
सफीदों क्षेत्र में पैरामेडीकल कॉलेज बनाने की मांग बहुत पुरानी चल रही थी और इसके निर्माण के लिए सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा था। इस मामले में आईपी कन्या एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष एवं हरियाणा के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता समाजसेवी टीसी गर्ग और उनकी टीम पिछले कई सालों से खूब दौड़-धूप कर रही थी। स्व. समाजसेवी टीसी गर्ग के अथक प्रयास उस वक्त रंग लाए जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल 3 अप्रैल 2022 को सफीदों की पुरानी अनाज मंडी में आयोजित विकास रैली को संबोधित करने की खातिर पहुंचे और उन्होंने इसके निर्माण की घोषणा की और यह भी कहा था कि अगर इसके बनाने में कोई भी नियम कानून आड़े आया तो उसको भी दूर करवाया जाएगा। जिस दिन यह घोषणा हुई थी उस दिन सफीदों इलाके के बीजेपी नेताओं की बांछे खिली हुई थी और सभी इसका श्रेय लेने की होड़ में लगे हुए थे और श्रेय लेने का सिलसिला मीडिया में कई दिनों तक चला। जब बात इसके बनने की प्रक्रिया की आई तो वह नियमों के पूरा ना होने का हवाला देकर इसे जींद स्थानांनतरित कर दिया गया।
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करसिंधू ग्राम पंचायत दे चुकी थी 4 एकड़ जमीन
इस कॉलेज के निर्माण के लिए तात्कालीन ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पास करके 4 एकड़ जमीन संबंधित विभाग डायरेक्टर मेडीकल एजूकेशन रिसर्च (डीएमईआर) को 30 साल के लिए लीज पर दी थी। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था आईपी कन्या एजुकेशन सोसाइटी ने इस पैरामेडिकल कॉलेज की प्रारम्भिक व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने का लिखित में स्वीकृति पत्र सरकार को दे दिया था। इसके अलावा सरकार व संबंधित महकमें की डिमांड पर कालेज में 6 कोर्सों के लिए करीब 150000 रूपए की राशी बतौर रजिस्ट्रेशन डायरेक्टर मेडीकल एजूकेशन रिसर्च (डीएमईआर) को संस्था द्वारा बैंक ड्राफ्ट भेजकर जमा करवा दिए थे। इसके अलावा प्रारंभिक तौर पर अस्थाई कक्षाएं चलाने के लिए इसी गांव स्थित पीडीएम इंजीनियरिंग कालेज में 15 कमरों की व्यवस्था की गई थी।
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विधायक सुभाष गांगोली ने भी उठाई थी विधानसभा में आवाज
इस पैरामेडीकल कालेज के यहां से ट्रांसफर होने की बातें कुछ समय पहले होनी शुरू हो गई थी। इस बात की भनक लगते ही यहां के कांग्रेसी विधायक सुभाष गांगोली ने इसकी आवाज विधानसभा में बुलंद की थी। वहां पर उनको बताया कि इस कालेज के निर्माण के लिए नियम पूरे नहीं होते हैं और मेडीकल कालेज के लिए प्रस्तावित स्थान पर दूरी से संबंधित अड़चन आ रही है। जिस पर विधायक सुभाष गांगोली ने विधानसभा में कहा था कि अगर करसिंधू में यह कालेज नहीं बन सकता है तो इस कालेज के सफीदों क्षेत्र के गांव जामनी व बुढ़ाखेड़ा में बनवा दिया जाएं क्योंकि ये स्थान मेडीकल कालेज से काफी नजदीक है और सभी नियमों को पूरा करते हैं। विधायक सुभाष गांगोली ने विधानसभा में इस कालेज के निर्माण के लिए बुढ़ाखेड़ा व जामनी की प्राईम लोकेशन पर जगह दिलवाने की बात भी कहीं थी।
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क्या कहते हैं आईपी सोसाईटी के सदस्य
इस मामले में आईपी सोसाईटी के सदस्य राकेश जैन का कहना है कि इस पैरामेडीकल कालेज के इस प्रकार से ट्रांसफर हो जाना किसी भी प्रकार से जायज नहीं है और यह सफीदों क्षेत्र की जनता व यहां के विद्यार्थियों के लिए एक कुठाराघात के समान है। पैरामेडिकल कॉलेज के खोले जाने की खातिर उनकी संस्था द्वारा सरकार को डेढ़ लाख रुपए की सरकारी रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर दो साल पहले ही जमा कराई जा चुकी है और ग्राम पंचायत करसिंधू 4 एकड़ जमीन सरकार को ट्रांसफर कर चुकी है। इस सबके बावजूद भी इस कॉलेज को सफीदों से स्थानांतरित करके जींद भेजा जाने जाना कतई सही नहीं है। इस कॉलेज के निर्माण में इसी संस्था के प्रमुख सदस्य टीसी गर्ग के अनुरोध पर ही मुख्यमंत्री ने इस कॉलेज को बनाए जाने की घोषणा की थी। हालांकि अब टीसी गर्ग का तो स्वर्गवास हो चुका है परन्तु मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इस वायदाखिलाफी से उनकी आत्मा को भी ठेस पहुंचाने का कार्य करेगी। अगर यह कालेज यहां पर बनता तो सफीदों की प्रदेश में एक अलग पहचान बनती तथा सैकड़ों छात्रों को चिकित्सा संबंधी रोजगारयुक्त शिक्षा तो मिलती और साथ ही साथ सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलता।
क्या कहते हैं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह
कालेज स्थानांतरित होने को लेकर सफीदों के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह का कहना है कि सीएम मनोहर लाल की तो इच्छा थी कि यह पैरामेडिकल कालेज सफीदों में बने लेकिन नियम पूरे ना होने की सूरत में वह स्थानांतरित हुआ है। उन्होंने कहा कि सफीदों से यह पैरामेडिकल कालेज कोई छीनकर नहीं ले गया है बल्कि तकनीकि कारणों से यह ट्रांसफर हुआ है। विजयपाल सिंह का कहना है कि पैरामेडिकल कॉलेज बनाने के लिए बहुत सारी तकनीकि आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाता है जैसे पैरामेडिकल कॉलेज के पास कम से कम 100 बैड का अस्पताल होना आवश्यक है। अस्पताल के 10 किलोमीटर की परीधि में पैरा-मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है। यदि 10 किलोमीटर की परीधि में अस्पताल मौजूद नहीं है तो वहां पैरा-मेडिकल कॉलेज खोलने का कोई प्रावधान नहीं है। सफीदों में 50 बेड का अस्पताल है। यहां जो जमीन उपलब्ध करवाई गई है वह 10 किलोमीटर के दायरे में नहीं है। जिस कारण से सरकार को यह फैसला लेना पड़ा। फिर भी इस मामले में वे फिर से सरकार से बात करेंगे और इसके संबंध में जो भी कुछ हो सकेगा वे करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम मनोहर लाल सफीदों पर मेहरबान है। सफीदों में नर्सिंग कालेज व आईटीआई का निर्माण हुआ है और भविष्य में भी कोई बड़ी परियोजना यहां पर लाई जाएगी।
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किसी भी सूरत में कालेज को जींद जाने नहीं दूंगा: विधायक सुभाष गांगोली
विधायक सुभाष गांगोली से बात करने पर उन्होंने कहा कि वे किसी भी सूरत में इस पैरामेडीकल कालेज को जींद स्थानांतरित नहीं होने देंगे चाहे उन्हे इसके लिए कितना ही संघर्ष क्यों ना करना पड़े। विधायक ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने मंच से इस कालेज निर्माण की घोषणा करते हुए कहा था कि अगर कालेज निर्माण में कोई छोटी-मोटी अड़चन आती है तो उसे भी दूर करवाया जाएगा लेकिन सीएम ने इस कालेज को जींद ट्रांसफर करके इस हलके की जनता के साथ सरासर धोखा किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस कालेज के बहाने 3 अपै्रल के दिन मंच से सुक्खी वाहवाही लूटने का कार्य किया है और लोगों से खूब तालियां बजवाई। जब सीएम को पहले ही पता था कि इसमें तकनीकि दिक्कत है तो उन्होंने क्यों कालेज निर्माण करने की घोषणा की और जब घोषणा कर दी तो अब क्यों इस कालेज का निर्माण सफीदों क्षेत्र में नहीं करवाया जा रहा। उन्होंने बताया कि वे भरी विधानसभा में सरकार को बुढ़ाखेड़ा व जामनी में बेहतरीन लोकेशन पर जगह दिलवाने की घोषणा कर चुके थे लेकिन उसके बावजूद भी इस कालेज को जींद ले जाया जा रहा है। सरकार की सफीदों विधानसभा के साथ इस नाइंसाफी का बदला आने वाले चुनावों में जरूर लेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे कालेज के सफीदों में ही निर्माण के लिए संघर्षरत्त रहेंगे।