एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों इलाके में वायु प्रदूषण निरंतर बढ़ता चला जा रहा है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों व सांस से संबंधित रोग घेरने लगे हैं। इसके पीछे कहीं ना कहीं पराली जलाने की समस्या माना जा रहा है। हालांकि प्रशासन लोगों को पराली ना जलाने की अपील करने के साथ-साथ पराली के फायदे भी गिना रहा है।
सफीदों, सफीदों इलाके में वायु प्रदूषण निरंतर बढ़ता चला जा रहा है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों व सांस से संबंधित रोग घेरने लगे हैं। इसके पीछे कहीं ना कहीं पराली जलाने की समस्या माना जा रहा है। हालांकि प्रशासन लोगों को पराली ना जलाने की अपील करने के साथ-साथ पराली के फायदे भी गिना रहा है।
प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी लोग पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पराली जलाने के कारण वायु की क्वालिटी निरंतर गिरती जा रही है। दिन में लोग पराली जलाने से हिचकते हैं लेकिन रात के अंधेर में इस कार्य को अंजाम दे दिया जाता है। जब सुबह होती है तो मौसम में चारों तरफ धुआं ही धुआं फैल चुका होता है। बिगड़ते मौसम के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है।
लोग जब घरों से बाहर निकलते हैं तो उनकी आंखों में जलन होने लगती है और जहरीले धुएं के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। इन बीमारियों के कारण डाक्टरों के यहां पर मरीजों की लंबी लाईन लगी हुई है।