- बोडला गांव में खेत के रास्ते के विवाद के कारण एक रिटायर सैनिक पक कर तैयार खड़ी फसल नहीं कटा पा रहा है। 20 दिन से अधिक समय से डीसी, एसडीएम से लेकर तहसीलदार के चक्कर लगा रहा है। खड़ी फसल भी जमीन पर बिछ कर बर्बाद होने लगी है।
इधर एसडीएम का कहना है, मामला संज्ञान में है। तहसीलदार ने कई बार कानूनगो व पटवारी को मौके पर भेजकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत कर फसल कटाने बारे कहा है। रास्ते का विवाद कोर्ट में होने के चलते दिक्कत है। एसडीएम का कहना है, अब चुनावी ड्यूटी में व्यस्त हैं, जल्द ही कोई रास्ता निकाल समस्या का समाधान किया जाएगा।
बोडला निवासी रमेश कुमार ने बताया कि वह सीमा सुरक्षा बल में हेड कांस्टेबल के पद से सेवानिवृत्त है। उसके पिता को 11.11 मरले भूमि सरप्लस के तहत अलॉट हुई थी। पिता के निधन के बाद उस भूमि का मालिक शिकायतकर्ता व उसका परिवार है। रिकॉर्ड में इस भूमि को कोई रास्ता नहीं है। साल 1981 से प्रार्थी जिस किला नंबर व खेवट नंबर के जिस रास्ते से आ जा रहा था, वहां से रास्ते को लेकर शिकायतकर्ता ने दिवानी दावा कोर्ट में डाला है।
उस जगह पर जमीन सहित कुल पौने दो एकड़ जमीन उसकी है। इसमें उसने धान लगाई थी। आरोप है कि पड़ोसियों ने 28 सितंबर की रात को गोबर डालकर पक्का शेड बना दिया। जिससे प्रार्थी के खेत का एकमात्र रास्ता बंद हो गया है। रास्ता न होने के कारण पौने दो एकड़ में खड़ी फसल भी खराब हो रही है।
संज्ञान में है मामला : एसडीएम : एसडीएम थानेसर सुरेंद्रपाल का कहना है मामला संज्ञान में है। रास्ते को लेकर विवाद कोर्ट में है। लिहाजा रास्ते को लेकर प्रशासन अपने स्तर पर कुछ नहीं कर सकता। दोनों पक्षों में बातचीत कर शिकायतकर्ता की फसल कटाने का प्रयास किया जा रहा है। तहसीलदार ने कानूनगो व पटवारी की ड्यूटी लगाई है।