मूलभूत सुविधाओं से परेशान ग्रेटर फरीदाबाद के विभिन्न आरडल्ब्यूए के लोगों ने रविवार को सेक्टर 88 एसआरएस सोसाइटी में बैठक की आैर एक संयुक्त संगठन बनाकर समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करने का ऐलान किया। लोगों ने कहा कि एक लाख से अधिक की आबादी वाले ग्रेटर फरीदाबाद को बसे 19 साल हो गए। लेकिन बिल्डरों और की मानमानी व प्रशासन की लापरवाही से आज भी लोग यहां मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन अब यह ज्यादती नहीं चलेगी। जल्द की सभी आरडब्ल्यूए को मिलाकर संयुक्त संगठन बनाया जाएगा और समस्याओं का समाधान कराने के लिए संघर्ष किया जाएगा।
ग्रेटर फरीदाबाद को जाने वाली जर्जर सड़क
करोड़ों की ईडीसी-आईडीसी जमा फिर भी सुविधा नहीं
बैठक में शामिल सुमेर खत्री, पीके श्रीवास्तव, रविंद्र चौधरी, विजय जसीजा, पंकज गोयल आदि ने कहाकि ग्रेटर फरीदाबाद में बसी 25 से अधिक सोसाइटी के रेजीडेंट्स करोडा़ें की ईडीसी-आईडीसी बिल्डर के माध्यम से सरकार को जमा करा चुके हैं। बावजूद रेजीडेंट्स को कोई भी मूलभूत सुविधा ठीक ढंग से नहीं मिल रही है। जबकि यह उनका अधिकार है। लोगों ने कहा कि ग्रेटर फरीदाबाद वर्ष 2003 से बसना शुरू हुआ। यहां की आबादी एक लाख से अधिक है। करीब 25 हजार वोटर हैं लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं। अधिकारियों और बिल्डरों के गठजोड़ से लाखों रेजीडेंट्स करोड़ों खर्च करने के बाद भी परेशान हैं।
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ग्रेटर फरीदाबाद के ग्रीन वेल्ट में भरा सीवर का पानी
इन सुविधाओं के लिए करना पड़ा रहा संघर्ष
बैठक में शामिल लोगों ने कहा कि पूरे ग्रेटर फरीदाबाद में पार्कों का बुरा हाल है। एसटीपी की क्षमता बेहद कम है। बिजली का बुरा हाल है। सीवर-पानी की व्यवस्था भी बदहाल है। न कोई क्लब है और न ही कोई कम्यूनिटी सेंटर। ग्रीनवेल्ट यहां सीवर पानी के लिए डंपिंग साइट बन गया है। प्रशासन और सरकार को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। लोगों ने बिल्डरों पर मेंटिनेंस के नाम पर जबरन उगाही का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि अब हम लोग अपना अधिकार लेकर रहेंगे।
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