हरियाणा के रोहतक में पत्नी को नशे की पूर्ति के लिए प्रताड़ित करने व आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। इस मामले में उनकी नाबालिग बेटी की गवाही को अहम माना गया है। जिसने न्यायालय में गवाही के दौरान बताया कि उसका पिता नशा करता था।
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नशे की पूर्ति के लिए उसकी मां से पैसे मांगता था। जब पैसे नहीं देती तो उसके साथ मारपीट करता था। आत्महत्या वाले दिन भी मारपीट की थी। पीड़ित पक्ष के वकील सुशील पांचाल ने बताया कि नाबालिग की गवाही को अहम माना गया है। जिसके आधार पर न्यायालय में आरोपी को दोषी करार दिया। वहीं कोर्ट ने उसे सात साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।
यह था मामला
जिला झज्जर के गांव आसोदा निवासी सुभाष ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसको पांच बच्चे (दो लड़के व तीन लड़कियां) हैं। उन्होंने अपनी लड़की प्रवीन की शादी गांव टिटोली निवासी सुनील के साथ वर्ष 2000 में की थी। प्रवीन को तीन बच्चे हुए, जिनमें से दो लड़कियां व एक लड़का था।
पति करता था पत्नी के साथ मारपीट
उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया था कि उसका दामाद सुनील उसकी लड़की प्रवीन के साथ मारपीट करता था। सुनील को कई बार समझाया, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। 9 सितंबर की सुबह भी सुनील ने प्रवीन के साथ मारपीट की। जिसकी शिकायत महिला ने अपने मायके में दी थी।
जहरीला पदार्थ खाकर की आत्महत्या
प्रवीन अपने पति की प्रताड़ना से तंग थी। बेटी का फोन आने के बाद पिता सुभाष गांव टिटोली पहुंचा। वहां पर पता चला कि सुनील की प्रताड़ना से तंग आकर प्रवीन ने जहरीला पदार्थ खा लिया। जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। वहीं पति अपनी पत्नी को अस्पताल में ही छोड़कर भाग गया।
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