हरियाणा के रोहतक जिले में धान के अवशेष जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके तहत DC ने जिले में धारा 144 लगा दी है। अगर कोई भी इसका उल्लंघन करते हुए धान के फसल अवशेष जलाएगा उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह कदम उठाए गए हैं।
धान कटाई का सीजन शुरू होने के बाद फसल अवशेष जलाने की आशंका बढ़ जाती है। आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। वहीं सख्ती से निपटने के लिए भी हिदायत दी गई है। वहीं लोगों से धान के फसल अवशेष ना जलाने के लिए आह्वान किया जा रहा है। इसके लिए लोगों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।
DC यशपाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला में धान की फसल की कटाई के उपरांत बचे हुए अवशेषों को जलाने पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, संपत्ति की हानि, तनाव, क्रोध या मानव जीवन को खतरे की संभावना रहती है। इन अवशेषों को पशुओं चारे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
121 मीट्रिक टन धान की हो चुकी खरीद
इधर, मंडी में धान की खरीद चल रही है। जिला में अब तक 121 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। सरकार ने सामान्य किस्म के धान के लिए 2040 रुपये तथा ग्रेड ए किस्म के धान के लिए 2060 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है। साथ ही बाजरे की खरीद भी जारी है।
1759 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा
जिला की मंडियों में 1759 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद हुई है। जिसमें से रोहतक मंडी में 363 मीट्रिक टन, महम मंडी में 510 मीट्रिक टन, सांपला मंडी में 509 मीट्रिक टन व कलानौर मंडी में 377 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद गया।