रेजांगला पार्क की 25 एकड़ जमीन पर लोगों द्वारा कब्जा ही नहीं किया गया, बल्कि नगर परिषद भी कब्जाधारियों पर पूरी तरह मेहरबान रही। एचएसवीपी के अधीन आने वाली पार्क की जमीन पर 50 लाख रुपए की लागत से इंटरलॉकिंग सड़क तक बना दी। इसका खुलासा तब जुआ जब एचएसवीपी की टीम अवैध कब्जों को हटाने पहुंची।
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शनिवार को स्थानीय लोगों ने बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट मौके पर मौजूद नगर परिषद के सचिव प्रवीण कुमार को लिखित शिकायत दी और बताया कि रेजांगला पार्क की जमीन पर करीब 1 हजार मीटर में लगभग 50 लाख रुपए की कीमत से वर्ष 2019 में इंटरलॉकिंग टाइल डालकर सड़क बनाई गई थी। लोगों ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने कब्जा किया था उन्हीं लोगों के इशारों पर यह सड़क बनाई गई।
पार्क की जमीन पर बनी हुई इंटरलॉकिंग टाइल की सड़क।
बता दें कि वर्ष 2019 में रेवाड़ी नगर परिषद के चुनाव नहीं हुए थे, जिसकी वजह से नगर परिषद पर उस वक्त प्रशासक नियुक्त थे। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह सड़क कैसे और किसके कहने पर बनाई गई। शिकायत करने वाले सोनू यादव, हर्ष, मुकेश कुमार, गौरव यादव आदि ने बताया कि हम पार्क की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। लेकिन उनकी कही सुनवाई नहीं हुई।
सीएम विंडो से लेकर कई जगह शिकायत की। आखिर में डीसी अशोक कुमार गर्ग ने उनकी शिकायत को सुना और अब कब्जा हटाया जा रहा है। शिकायकर्ताओं ने मांग की है कि वर्ष 2019 में जिसने भी सेक्टर-19 में रेजांगला पार्क की जमीन पर जिसने भी सड़क बनाई उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
इस मामले को लेकर नगर परिषद के सचिव प्रवीण कुमार ने कहा कि शिकायत मिली है। इसे उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। उन्हीं के आदेश पर जांच कराई जाएगी और मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।