रिश्वत मामला: गोदाम चेक कर मंडी सुपरवाइजर ने संचालक को दफ्तर बुला कहा-‘सेक्रेटरी साहब ने कहा है, आपको 2 लाख देने पड़ेंगे’

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  • सीड्स लाइसेंस रद्द न करने की एवज में 30 हजार की रिश्वत लेते मार्केट कमेटी सुपरवाइजर पकड़ा, अप्रैल में किया था गोदाम का निरीक्षण

गांव भूथनकलां के कृषक सीड्स संचालक से 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ गए फतेहाबाद मार्केट कमेटी के मंडी सुपरवाइजर ने अप्रैल महीने में कृषक सीड्स के गोदाम का निरीक्षण किया था। इसके बाद मंडी सुपरवाइजर मदन ने संचालक सुरेंद्र प्रकाश को फोन कर कार्यालय आने के लिए कहा था।

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इसके बाद जब संचालक सुरेंद्र प्रकाश मार्केट कमेटी कार्यालय में 5 मई को आया तो मदन ने उसे कहा कि सेक्रेटरी साहब ने कहा है कि उसे 10 रुपये प्रति बैग गेहूं के हिसाब से दो लाख रुपये देने होंगे। लेकिन जब संचालक ने इतने रुपये देने में लगातार असमर्थता जताई तो धीरे-धीरे मंडी सुपरवाइजर ने प्रति बैग रेट कम करने शुरू कर दिए।

10 रुपये प्रति बैग नहीं दिए तो संचालक को 8 रुपये, फिर 7 रुपये और इसके बाद प्रति बैग 5 रुपये देने के लिए कहा किया। लेकिन जब उसने 5 रुपये प्रति बैग भी नहीं दिए तो मदन ने उसे फोन पर 30 हजार रुपये में फाइनल डील की जिसकी मदन ने रिकॉर्डिंग कर ली और विजिलेंस में शिकायत कर उसे रिश्वत लेते हुए पकड़वा दिया।

ये मेरा जानकार है, ~8 प्रति बैग ले लो : ऑक्शन रिकॉर्डर

शिकायतकर्ता सुरेंद्र प्रकाश ने बताया कि जब पहली बार मदन ने उसे कार्यालय में बुलाकर 10 रुपये प्रति बैग के हिसाब से 2 लाख रुपये देने को कहा था तब ऑक्शन रिकॉर्डर राजेश जाखड़ भी वहीं मौजूद था और उसने कहा था कि सुरेंद्र प्रकाश मेरा जानकार है 8 रुपये प्रति बैग ले लो, लेकिन मदन ने कहा कि इससे कम सेक्रेटरी साहब नहीं मानते।

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30 हजार फाइनल कर एमएस बोला- अब तखड़ी तोल कर दिया, इससे कम नहीं

शिकायतकर्ता ने बताया कि 5 मई की मुलाकात के बाद भी जब उसने मंडी सुपरवाइजर को रुपये नहीं दिए तो शनिवार को मदन ने उसे फोन किया था और कहा था कि आप तो भूल ही गए, दोबारा आए ही नहीं। इतना ही नहीं आरोप है कि मदन ने फोन पर उसे कहा कि 5 रुपये प्रति बैग के अनुसार आपके 20 हजार गेहूं के बैग के 50 हजार रुपये बनते हैं लेकिन अब 40 हजार दे जाओ। इसके बाद शिकायतकर्ता ने उसे कहा कि वह 20 हजार दे सकता है। इस पर मंडी सुपरवाइजर मदन ने कहा कि 30 हजार दे जाना, अब तकड़ी पर तोल कर दिया है, इससे कम मत करवाना।

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कार्यालय में विजिलेंस पहुंची तो भागने लगा ऑक्शन रिकॉर्डर

बुधवार को जैसे ही कृषक सीड्स के संचालक सुरेंद्र प्रकाश ने मंडी सुपरवाइजर मदन को 30 हजार रुपये दिए तो तुरंत विजिलेंस टीम कार्यालय पहुंच गई। टीम को देखकर ऑक्शन रिकॉर्डर राजेश जाखड़ मौके से भागने लगा था लेकिन टीम ने उसे पकड़कर हिरासत में ले लिया। इसके बाद पूछताछ कर विजिलेंस ने उसे छोड़ दिया।

जानिए… कृषक सीड्स कंपनी का काम

यहां बता दें कि कृषक सीड्स कंपनी के पास बीज बनाने का लाइसेंस है तथा वह खुद अपना बीज किसानों को देकर उनके खेत में भिजवाते हैं और वही फसल एमएसपी से ऊंचे रेट पर किसान से सीधा खरीदते हैं। इसके बाद उससे अपना बीज तैयार कर मार्केट में बेचते हैं। यह कंपनी पिछले 2 साल से सिर्फ गेहूं के बीज का काम कर रही है, इसके अलावा अपने गोदाम में अन्य कंपनियों का माल स्टॉक भी करवाते हैं।

संचालक बोला-रिश्तेदारों का दबाव डलवा रहा सचिव

कृषक सीड्स संचालक सुरेंद्र प्रकाश ने बताया कि उसके पास जो मदन की रिकॉर्डिंग थी वह उससे विजिलेंस टीम ने ले ली है जिसमें सेक्रेटरी का जिक्र है। संचालक ने कहा कि विजिलेंस कार्रवाई के बाद मार्केट कमेटी सचिव विकास सेतिया उसके पास मंडी के व्यापारी और रिश्तेदार भेज रहा है और उसका नाम नहीं लेने का दबाव बना रहा है।

सुरेंद्र प्रकाश ने शिकायत की थी, जिस पर 30 हजार की रिश्वत लेते मंडी सुपरवाइजर को काबू किया है, ऑक्शन रिकॉर्डर मौैके से भाग रहा था, उसे पकड़कर पूछताछ कर छोड़ दिया है, ऑडियो रिकॉर्डिंग में मार्केट कमेटी के कई और अफसरों का जिक्र है, उनकी जांच चल रही है।” -राकेश मलिक, डीएसपी, विजिलेंस।

 

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