एस• के• मित्तल
जींद, जून आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में उपायुक्त डाॅ० मनोज कुमार ने कहा कि योग भारत वर्ष की प्राचीन धरोहर है। इसके माध्यम से तन और मन को स्वस्थ व शुद्ध रखा जा सकता है। योग शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक व सामाजिक स्वास्थ्य का साधन है।
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योग हमें सम्पूर्णता से जीवन जीने की राह दिखाता है और तन और मन के विकारों को दूर करता है। उपायुक्त सोमवार को रोहतक रोड़ स्थित नई अनाज मंडी में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की फाईनल योग प्रोटोकोल रिहर्सल की श्रृंख्ला में योग आसनों, प्रणायाम, योग क्रियाएं का अभ्यास करने के लिए बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। उन्होंने जिला वासियों से आह्वान किया कि 21 जून को विश्व योगा दिवस के मौके पर अपने घर-आंगन, बाग-बगीचों व चौपालों में पूरे जन समूह के साथ योग साधना करें। उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए जाने वाले संदेश को अवश्य सुने।
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जिला स्तरीय योग दिवस स्थानीय नई अनाज मंडी में मनाया जाएगा। इसके साथ-साथ खण्ड स्तर पर भी प्रशासन द्वारा योग दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने आम जन से आह्वान किया कि जिला स्तरीय व खण्ड स्तर पर मनाए जाने वाली योग दिवसों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने मन लगाकर योग साधना से हुए शारीरिक व मानसिक परिवर्तन का एहसास करते हुए कहा कि हम योग को अपनाकर संतुलित जीवन का निर्वहन कर सकते हैं। नियमित योगाभ्यास से जीवन एवं मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि योग से जीवन में संतुलन कायम होता है तथा हमें अनेक प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि योग के साथ-साथ हमें अपने आस-पास के परिवेश को स्वच्छ रखना चाहिए। स्वच्छता में ही ईश्वर निवास करते है।
योग प्रोटोकोल की फाईनल रिहर्सल में पहुंचे नगराधीश अमित कुमार ने कहा कि योग सिर्फ आसन नहीं है बल्कि यह बिना किसी खर्च के फिटनेस व वैलनेस की गारंटी भी देता है। योग प्रात:काल में की जाने वाली क्रिया मात्र नहीं है बल्कि यह रोजमर्रा के कार्य को दक्षता व पूरी सर्तकर्ता के साथ करने की शक्ति भी है। रोग से निरोग होने का मार्ग योग है। यह हमारी सोच, कार्य करने की क्षमता, ज्ञान और समर्पण को बल देता है
और हम बेहतर इंसान बनाने में मदद करता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में योग प्रशिक्षकों ने योगाभ्यास से संबंधित सावधानियां बताई। योग प्रोटोकॉल के दौरान शिथिलीकरण अभ्यास के आसन करवाए गए। उन्होंने उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मक्रासन,भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंध आसन, उत्तानपाद आसन, अर्धहलासन, पवन मुक्तासन, शवासन, कपालभाति, नाड़ी शोधन, शीतली प्राणायम, भ्रामरी प्राणायम तथा ध्यान लगवाया गया। उन्होंने योग साधकों को इन सभी आसनों से मिलने वाले लाभ के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। योग शिविर का समापन राष्ट्रीय गान के साथ किया गया।
इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी मदन चौपडा,जींद मार्केट कमेटी के सचिव संजीव कुमार, सहायक आयुर्वेद अधिकारी धर्मबीर सिंह, एईओ प्रेम कुमार,आयुष विभाग से नोडल अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार श्योकंद, योगा विशेषज्ञ गोबिंदा, जींद खंड की नोडल अधिकारी सरिता देवी के अलावा सम्बंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।