नूंहएक घंटा पहले
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मोनू मानेसर को गुरुग्राम से गिरफ्तार करने की सीसीटीवी फुटेज और उसे नूंह कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाती हरियाणा पुलिस।
राजस्थान के जुनैद-नासिर हत्याकांड में मोनू मानेसर पुलिस रिकॉर्ड में 8 महीने से फरार था। इसके बाद भी वह मीडिया को इंटरव्यू दे रहा था। सोशल मीडिया पर एक्टिव था। नूंह में 31 जुलाई की हिंसा से पहले उसने खुलकर वीडियो जारी किया। राजस्थान पुलिस के रिकॉर्ड में हत्या का आरोपी होने के बावजूद नूंह (मेवात) की ब्रजमंडल यात्रा में आने का ऐलान किया। इसके बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।
मंगलवार को अचानक नूंह पुलिस उसे गुरुग्राम मार्केट से उठा लाई। केस भी चौंकाने वाला निकला। पुलिस ने किसी एक सोशल मीडिया पोस्ट पर मोनू को आरोपी बनाया। यही नहीं, उसका पुलिस रिमांड हासिल नहीं कर पाई। मोनू को जेल भेजने के आदेश हुए, लेकिन इससे पहले राजस्थान पुलिस भी पहुंच गई। मोनू का ट्रांजिट रिमांड मिला और उसे नासिर-जुनैद केस में राजस्थान पुलिस ले गई।
मोनू मानेसर की अचानक इतनी आसानी से गिरफ्तारी से लेकर राजस्थान पुलिस के हवाले करने की कहानी सबको चौंका रही है। हर कोई ये जानने का इच्छुक है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि हरियाणा पुलिस ने मोनू को पकड़ने के लिए इतनी तेजी दिखाई..। आरंभिक तौर पर इसकी 3 बड़ी वजहें हो सकती हैं….
1. नूंह हिंसा के आरोपियों का दबाव
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद हरियाणा पुलिस से लेकर सरकार दबाव में है। हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई। इसमें इंटेलिजेंस फेल्योर भी सामने आया। हालांकि हिंसा के बाद पुलिस एक्शन में आई। 60 FIR दर्ज की, 316 लोग गिरफ्तार किए। हिंसा की जांच में सामने आया कि कुछ आरोपी राजस्थान से भी आए थे।
हरियाणा पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान पुलिस का सहयोग जरूरी था। मगर, राजस्थान सरकार कह चुकी थी कि मोनू मानेसर को पकड़ने के लिए हमें हरियाणा सरकार का साथ नहीं मिल रहा। ऐसे में हरियाणा पुलिस को राजस्थान में घुसकर नूंह हिंसा के आरोपियों को पकड़ा आसान नहीं था। नतीजा- ये हुआ कि हरियाणा पुलिस ने मोनू को पकड़ना पड़ा।
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2. कांग्रेस MLA मामन खान पर सख्ती
हरियाणा की नूंह हिंसा में सरकार ने कांग्रेस के फिरोजपुर झिरका से MLA मामन खान पर सख्ती की। उनके बयान और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हरियाणा पुलिस की SIT ने पूछताछ के लिए नोटिस भेज दिया। हालांकि 2 बार के नोटिस में मामन पेश नहीं हुए। वह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चले गए।
मामन खान पर हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के बाद विपक्षी ये आवाज उठा रहे थे कि मोनू मानेसर तो हत्या के केस में नामजद है, उसे क्यों नहीं पकड़ा जाता। अगर मामन पर पुलिस की सख्ती बढ़ती तो मोनू मानेसर की वजह से हरियाणा सरकार और पुलिस पर सवाल उठने तेज होते। नतीजा- मोनू पकड़ा गया, अब सरकार मामन खान पर भी सख्ती बढ़ा सकती है। उन्हें भी गिरफ्तारी का संदेह है।
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3. सीधी गिरफ्तारी से बचा मोनू मानेसर
मोनू मानेसर राजस्थान पुलिस की सीधी गिरफ्तारी से बच गया। अगर राजस्थान पुलिस उसे सीधे पकड़ लेती तो अपने हिसाब से कार्रवाई करती। हालांकि अब सब कुछ कोर्ट की निगरानी में होगा। राजस्थान पुलिस कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर उसे ले गई है। जिसके बाद उसे समय-समय पर संबंधित कोर्ट में पेश करना पड़ेगा। कोर्ट में रेगुलर फॉलोअप भी देना होगा कि मोनू से पूछताछ में क्या निकला और उन्हें आगे इसके लिए रिमांड क्यों चाहिए।
मोनू गिरफ्तार होगा, राजस्थान पुलिस को पहले से पता था
मोनू मानेसर की गिरफ्तारी में एक और चौंकाने वाला एंगल राजस्थान पुलिस की तेजी है। मोनू मानेसर को नूंह पुलिस ने जिस केस में गिरफ्तार किया, उसकी किसी को भनक नहीं थी। उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया। इसका खुलासा भी दोपहर करीब 12 बजे के आसपास हुआ। इसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा में नूंह कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट में हरियाणा पुलिस ने रिमांड की कोई ठोस दलील नहीं दी। जिस वजह से उसे गुरुग्राम की भौंडसी जेल भेज दिया गया। हालांकि वह जेल पहुंचता, इससे पहले पुलिस नासिर-जुनैद हत्याकांड में राजस्थान पुलिस ट्रांजिट रिमांड लेने पहुंच गई। चंद घंटों में राजस्थान पुलिस ने कागजात भी तैयार कर लिए और नूंह भी पहुंच गई। इस लिहाज से स्पष्ट है कि दोनों के बीच पहले से ही मोनू मानेसर को लेकर जानकारी शेयर थी।
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मोनू मानेसर को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जाती राजस्थान पुलिस।
राजस्थान का नासिर-जुनैद हत्याकांड, जिसमें जिंदा जलाए 2 युवक
15 फरवरी 2023 को राजस्थान में भरतपुर के गांव घाटमिका के नासिर और जुनैद गायब हो गए। परिवार ने पुलिस को शिकायत करते हुए किडनैपिंग के आरोप लगाए। अगले दिन 16 फरवरी काे हरियाणा में भिवानी के लोहारू में बोलेरो में 2 लोग जिंदा जले मिले। गाड़ी के नंबर से पता चला कि ये बोलेरो वही है, जिसमें नासिर-जुनैद जा रहे थे। बोलेरो के अंदर दोनों कंकाल के रूप में मिले।
उन्हें बोलेरो समेत जिंदा जलाया गया। जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया। इसमें मोनू मानेसर समेत कई आरोपियों को नामजद किया गया। इनमें से कुछ आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन मोनू मानेसर 8 महीने से फरार था।
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मोनू मानेसर हरियाणा में गिरफ्तार, राजस्थान पुलिस को सौंपा:नासिर-जुनैद को जिंदा जलाने के केस में ट्रांजिट रिमांड पर लिया; नूंह हिंसा में पकड़ा था
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हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को मंगलवार (12 सितंबर) को गिरफ्तार कर लिया। उस पर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा से पहले भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट डालने का केस है। नूंह पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने उसे गुरुग्राम में मानेसर के मार्केट से पकड़ा। वह इसी गांव का रहने वाला है (पूरी खबर पढ़ें)
नूंह की FIR, जिसमें मोनू मानेसर की गिरफ्तारी हुई:सोशल मीडिया पर लिखा- परिणाम की चिंता नहीं करते, वार एक ही होगा, आखिरी होगा
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हरियाणा में मोनू मानेसर को जिस FIR में अरेस्ट किया गया, उसकी कॉपी सामने आ गई है। नूंह पुलिस ने मोनू के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट पर केस दर्ज किया है। जिसमें मोनू मानेसर ने एक लाइन का स्टेट्स पोस्ट किया था। जिसमें लिखा- ”परिणाम की चिंता हम नहीं करते, वार एक ही होगा, पर आखिरी होगा…। Monumanesar”।(पूरी खबर पढ़ें)
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