अस्पताल के डीन ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 6 लड़के और 6 लड़कियों की मौत हुई है।
महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत हो गई। मरने वालों में 12 नवजात हैं। 7 मरीजों की हालत गंभीर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल की है।
अस्पताल के डीन ने इन मौतों का कारण दवाओं और स्टाफ की संख्या में कमी को बताया है। उन्होंने बताया कि ज्यादार नवजात सांप के काटने से मरे हैं।
अस्पताल के डीन ने कहा- यहां दूर-दूर से मरीज आते हैं। कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और यह बजट के लिए समस्या पैदा कर देती है।
70-80 किमी के दायरे में एक सरकारी अस्पताल
अस्पताल के डीन ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 6 लड़के और 6 लड़कियों की मौत हुई है। अस्पताल से लगातार कर्मचारियों का तबादला किया जा रहा है, ऐसे में हमारे पास स्टाफ की कमी है।
उन्होंने बताया कि हम थर्ड लेवल के देखभाल केंद्र हैं और 70 से 80 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र सरकारी अस्पताल हैं। इसलिए दूर-दूर से मरीज हमारे पास आते हैं। कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और यह बजट के लिए समस्या पैदा कर देती है।
डीन ने बताया कि हमें हाफकिन नाम के एक संस्थान से दवाइयां खरीदनी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए हमने स्थानीय स्तर पर दवाएं खरीदीं और मरीजों को मुहैया कराईं।
दवाओं की कमी से जूझ रहे कई अस्पताल
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के कई सरकारी अस्पताल दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। मरीजों को समय पर दवा नहीं मिलने से उनकी जान जा रही है। कुछ रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि दवा सप्लाई करने वाली कंपनी हाफकिन इंस्टीट्यूट से कई अस्पतालों ने खरीद बंद कर दी है, जिसके कारण राज्य के कई अस्पताल दवा की कमी से जूझ रहे हैं।
सुप्रिया सुले ने संबंधित मंत्री का इस्तीफा मांगा
NCP प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने एक्स पर लिखा- नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में हुई मौतें कोई संयोग नहीं है। इनकी जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या महाराष्ट्र के लोगों की जान इतनी सस्ती हो गई है। यह देरी और लापरवाही का मामला है। इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य के संबंधित मंत्री का इस्तीफा भी लिया जाना चाहिए। साथ ही सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए।
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