मराठा आरक्षण पर देर रात CM-डिप्टी CM की बैठक: दो सांसदों और एक विधायक ने इस्तीफा दिया, प्रदर्शनकारियों ने दो विधायकों के घर जलाए

 

मराठा आंदोलनकारियों ने बीड में NCP का दफ्तर भी जला दिया है। यह दफ्तर शरद पवार गुट का था।

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने देर रात मीटिंग की। इससे पहले शिंदे राज भवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करके आए थे।

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राज्य में सोमवार को आरक्षण को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को बीड में दो विधायकों के घरों में आग लगा दी, वहीं शरद पवार गुट के NCP का दफ्तर भी जला दिया।

प्रदर्शनकारियों ने बीड के माजलगांव में विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पथवराव किया। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यहां दर्जनों बाइक और कार को भी फूंक दिया। वहीं, देर शाम बीड में ही एक और NCP विधायक संदीप क्षीरसागर का घर भी जला दिया गया। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है।

मराठा आरक्षण आंदोलन इस साल अगस्त से ही चल रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं। बसों के नुकसान को देखते हुए 30 डिपो से संचालन बंद कर दिया गया है।

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वहीं, मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच शिवसेना के दो सांसदों और भाजपा के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। रविवार 29 अक्टूबर को हिंगोली से सांसद हेमंत पाटिल और नासिक के सांसद हेमंत गोडसे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस्तीफा भेज दिया है। गेवराई विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण पवार ने भी रिजाइन कर दिया है।

मराठा आंदोलनकारियों ने बीड में NCP का दफ्तर भी जला दिया है। यह दफ्तर शरद पवार गुट का था।

मराठा आंदोलनकारियों ने बीड में NCP का दफ्तर भी जला दिया है। यह दफ्तर शरद पवार गुट का था।

सोमवार को माजलगांव में प्रदर्शकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसमें काफी नुकसान की बात कही जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने जालना के बदनापुर तहसीलदार दफ्तर को जबरन ताला लगाया और महिला तहसीलदार को बाहर निकाला। यही नहीं, लैंड रिकॉर्ड्स, नगर पंचायत, पंचायत समिति कार्यालय में भी तालाबंदी कर दी।

बीड के माजलगांव में मराठा प्रदर्शनकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में आग लगा दी।

बीड के माजलगांव में मराठा प्रदर्शनकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में आग लगा दी।

सोलंके के घर पर क्यों हुआ हमला?
प्रकाश सोलंके के नाम से वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप को हमले के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस ऑडियो क्लिप में प्रकाश सोलंके कथित तौर पर मनोज जारांगे पर टिप्पणी करते सुनाई देते हैं। मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी।

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उस वक्त महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे से मामला सुलझाने के लिए 30 दिन का समय मांगा था। जरांगे ने वादा किया था कि वह अगले 40 दिनों तक विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे।

प्रदर्शनकारियों ने NCP विधायक के घर में घुसकर पत्थरबाजी की।

प्रदर्शनकारियों ने NCP विधायक के घर में घुसकर पत्थरबाजी की।

लातूर में मेडिकल स्टूडेंट्स भी भूख हड़ताल पर बैठे
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लातूर में कई मेडिकल स्टूडेंट्स भी भूख हड़ताल पर बैठ गए। एक्टिविस्ट मनोज जरांगे की अपील पर रविवार 29 अक्टूबर को मराठा क्रांति मोर्चा के 6 कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे।

वहीं, सोमवार 30 अक्टूबर तक बीते 48 घंटे में महाराष्ट्र राज्य परिवहन की 13 बसों को नुकसान पहुंचाया गया है। इसे देखते हुए राज्य परिवहन निगम ने 250 में से 30 डिपो से ऑपरेशन बंद रखने का फैसला लिया है।

शिंदे बोले- 11 हजार पुराने दस्तावेजों में कुनबी का जिक्र
सोमवार 30 अक्टूबर को सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि 11 हजार 530 पुराने रिकॉर्ड्स में कुनबी जाति का जिक्र है। उन्होंने 31 अक्टूबर को नए सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। शिंदे ने ये बात तब कही, जब मराठा समुदाय कुनबी की तरह ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहा है।

शिंदे ने ये भी कहा कि मराठा आरक्षण मुद्दे 3 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जो राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण पर क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने को लेकर सलाह देगी। कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस संदीप शिंदे (रिटायर्ड) होंगे।

शिंदे ने बताया कि मंगलवार 31 अक्टूबर को एक्टिविस्ट मनोज जरांगे से बात करेंगे। राज्य सरकार को कुछ वक्त की जरूरत है, उन्हें (जरांजे) भी हमें समय देना चाहिए।

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अब जानिए क्लिप में क्या है?

  • प्रदर्शनकारी: सरकार को 30 दिन का समय दिया गया था, अब 43 दिन बीत चुके हैं।
  • प्रकाश सोलंके: अरे, दिन की डेडलाइन मांग रहे हो, दे रहे हो, ये तो मजाक है? इसका क्या मतलब है…
  • प्रदर्शनकारी: नहीं सर, लेकिन हमने उन्हें 10 दिन का बोनस दिया है न?
  • प्रकाश सोलंके: हां बोनस दिया था, ये सही है… बोनस देने वाला व्यक्ति एक प्रतिभाशाली व्यक्ति है। बोनस देने का मतलब है, जिसने कभी ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन अब वह सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बन गया है।

विधायक बोले- ऑडियो क्लिप एडिट की गई
विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि प्रदर्शनकारियों से बात नहीं हो सकी। उन्होंने सीधे घर पर पथराव शुरू कर दिया। वह बात करने के मूड में नहीं थे। उन्होंने मेरा घर घेर लिया। मैं मराठा हूं, आरक्षण का समर्थन करता हूं। कुछ लोग मेरी एडिटेड ऑडियो क्लिप वायरल कर गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

मेरा अनुरोध है कि प्रदर्शनकारियों के साथ हाथ मिलाएं। उनके बल और प्यार से मैं विधायक बना। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजनीतिक शरारत के कारण ऐसा हुआ है।

अब घटना की चार और तस्वीरें…

प्रदर्शनकारी विधायक प्रकाश सोलंके के घर के पास इकट्ठा हुए और पुलिस के सामने ही उनके घर पर पथराव शुरू कर दिया।

प्रदर्शनकारी विधायक प्रकाश सोलंके के घर के पास इकट्ठा हुए और पुलिस के सामने ही उनके घर पर पथराव शुरू कर दिया।

पुलिस के काफी समझाने के बाद प्रदर्शनकारी विधायक के घर से हटे।

पुलिस के काफी समझाने के बाद प्रदर्शनकारी विधायक के घर से हटे।

आगजनी के बाद विधायक प्रकाश सोलंके के घर से उठता धुआं।

आगजनी के बाद विधायक प्रकाश सोलंके के घर से उठता धुआं।

घटना के बाद प्रकाश सोलंके के घर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।

घटना के बाद प्रकाश सोलंके के घर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 11 दिन में 13 सुसाइड, शिवसेना सांसद ने इस्तीफा दिया
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर रविवार (29 अक्टूबर) को एक अन्य युवक ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान बीड जिले के परली तालुका के रहने वाले गंगाभीषण रामराव के रूप में हुई है। राज्य में 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं। मराठा आरक्षण के समर्थन में हिंगोली के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इस्तीफा अभी लोकसभा अध्यक्ष तक नहीं पहुंचा है, लेकिन इस्तीफे का लेटर वायरल हो रहा है। पूरी खबर पढ़ें…

शिंदे बोले- हमें थोड़ा समय दें, जारंगे अपनी सेहत का ख्याल रखें

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे जालना के अंतरौली में 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे जालना के अंतरौली में 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- यह मुद्दा काफी पुराना है। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री रहते मराठाओं को आरक्षण दिया था, लेकिन दुर्भाग्यवश सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। हमने कमेटी बनाई है। जल्द रिपोर्ट आएगी।

हम मराठा आरक्षण के लिए दो तरीके से काम कर रहे हैं। पहला- कुनबी प्रमाणपत्र पत्र के द्वारा और दूसरा- सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन के जरिए। राजस्व मंत्री को जल्द ही कुनबी प्रमाणपत्र देने का निर्देश दिया गया है। सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह साबित करेगी कि मराठा समाज पिछड़ा कैसे है।

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे जालना के अंतरौली में 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। शिंदे ने कहा- मनोज जरांगे से मेरी अपील है कि वे हमें थोड़ा समय दें। सरकार को उनकी तबीयत की चिंता है। उनसे अपील है कि वो दवा-पानी लें। ​​​​​

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मसला क्या है?

  • महाराष्ट्र में एक दशक से मांग हो रही है कि मराठाओं को आरक्षण मिले। 2018 में इसके लिए राज्य सरकार ने कानून बनाया और मराठा समाज को नौकरियों और शिक्षा में 16% आरक्षण दे दिया।
  • जून 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे कम करते हुए शिक्षा में 12% और नौकरियों में 13% आरक्षण फिक्स किया। हाईकोर्ट ने कहा कि अपवाद के तौर पर राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50% आरक्षण की सीमा पार की जा सकती है।
  • जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो इंदिरा साहनी केस या मंडल कमीशन केस का हवाला देते हुए तीन जजों की बेंच ने इस पर रोक लगा दी। साथ ही कहा कि इस मामले में बड़ी बेंच बनाए जाने की जरूरत है।

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क्या है इंदिरा साहनी केस, जिससे तय होता है कोटा?

  • 1991 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आर्थिक आधार पर सामान्य श्रेणी के लिए 10% आरक्षण देने का आदेश जारी किया था। इस पर इंदिरा साहनी ने उसे चुनौती दी थी।
  • इस केस में नौ जजों की बेंच ने कहा था कि आरक्षित सीटों, स्थानों की संख्या कुल उपलब्ध स्थानों के 50% से अधिक नहीं होना चाहिए। संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया गया है।
  • तब से ही यह कानून बन गया। राजस्थान में गुर्जर, हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल जब भी आरक्षण मांगते तो सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आड़े आ जाता है।

 

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