रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक में बने 14 हजार में से 7 हजार बोरवेल्स सूख् गए हैं।
बेंगलुरु शहर पानी की भारी किल्लत से जूझ रहा है। कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा कि शहर में 3 हजार से अधिक बोरवेल सूख गए हैं, जिनमें उनके घर का बोर भी शामिल है। वहीं शहर के टैंकर वाले 5 हजार लीटर के लिए 500 रुपए की जगह 2 हजार रुपए वसूल रहे हैं।
शिवकुमार ने कहा कि पानी की जरूरत पूरी करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम सभी टैंकों को अपने कब्जे में ले रहे हैं और उन सोर्सेस की पहचान कर रहे हैं जहां पानी उपलब्ध है। 217 टनल भी ढूंढ लिया गया है। हालांकि शहर को कावेरी से जो पानी सप्लाई हो रहा है, वह जारी है।
कर्नाटक के कई हिस्सों में लोग पानी के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं।
डिप्टी CM बोले- केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही
डिप्टी CM शिवकुमार ने कहा कि पानी की किल्लत के बीच केंद्र सरकार मेकेदातु परियोजना को लेकर राज्य सरकार की मदद नहीं कर रही है। कावेरी बेसिन में एक रिजर्वायर बनाने की हमारी योजना है। मुझे लगता है जल बंटवारे पर पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के साथ यह योजना एकमात्र समाधान है।
बगैर रजिस्ट्रेशन वाले टैंकर जब्त करने की चेतावनी
शिवकुमार ने 4 मार्च को शहर के टैंकर मालिकों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने 7 मार्च से पहले टैंकर का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो उनके टैंकर जब्त कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि बेंगलुरु शहर में कुल 3,500 पानी टैंकरों में से केवल 10% यानी 219 टैंकरों ने ही रजिस्ट्रेशन कराए हैं।
राज्य के 236 तालुका में से 223 सूखे की चपेट में
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि राज्य के 236 तालुकों में से 223 सूखे की चपेट में हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 219 बुरी तरह प्रभावित हैं। सरकार ने सूखा प्रभावित इलाकों में पानी के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए प्राइवेट वाटर टैंकर, बोरवेल्स और सिंचाई वाले कुओं को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है।