हरियाणा के फतेहाबाद में भाजपा विधायक दुड़ाराम के ड्राइवर सुभाष ने संदिग्ध परिस्थतियों में जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे गंभीर हालत में निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने विधायक के पीए और दो अन्य लोगों पर परेशान करने के आरोप लगाए हैं। फिलहाल मामले में केस दर्ज नहीं हुआ है।
फतेहाबाद निवासी सुभाष इन दिनों भाजपा के स्थानीय विधायक दुड़ाराम का ड्राइवर है। उसने शनिवार को अपने घर पर ही कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। सुभाष को गंभीर हालत में फतेहाबाद के निजी अस्पताल में करवाया गया। इस बीच उसके नाम से सोशल मीडिया पर एक सुसाइड नोट भी वायरल हो गया। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि दुड़ाराम के पीए राजबीर और अन्य 2 लोगों ने उसे प्रताड़ित किया है। आरोप है कि नौकरी लगवाने के नाम पर उससे पैसे लिए गए।
विधायक बोले-मामले की जानकारी लेंगे
जब इस संबंध में विधायक दुड़ाराम से बात की गई तो उन्होंने बताया की उनके ड्राइवर ने जो कीटनाशक पिया है और एक सुसाइड नोट वायरल हो रहा है उसमें उनका नाम नहीं है। उनके PA राजबीर और दो और लोगों का नाम है। दुड़ाराम ने कहा की सुभाष का इलाज चल रहा है। सुभाष के ठीक होने के बाद पूछा जाएगा की पूरा क्या मामला है। सुसाइड नोट में विधायक के निजी सचिव राजबीर व विधायक के करीबी कार्यकर्ता संदीप बीसला पर कई आरोप लगाए हैं। हालांकि ये फेसबुक स्टोरी बाद में हटा ली गई और इसके बाद से ड्राइवर सुभाष का फोन बंद आ रहा है।
विधायक दुड़ाराम के ड्राइवर सुभाष द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट।
पीए ने भी आरोप नकारे
विधायक दुड़ाराम के ड्राइवर सुभाष टोपी को उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है, जहां पर उसकी हालत अब बेहतर है। उधर, विधायक दुड़ाराम ने इस मामले में बात करने पर कहा कि उन्हें अभी इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। पूरी जानकारी आने के बाद ही इस बारे में कुछ कह सकूंगा। विधायक के निजी सचिव राजबीर ने इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें शक है कि सुभाष के मोबाइल के साथ किसी ने शरारत की है।
ये आरोप लगाए गए हैं सुसाइड नोट में
विधायक के ड्राइवर सुभाष टोपी द्वारा सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के अनुसार, उसने अपने घर की किस्त के लिए बैंक से सात लाख रुपए का लोन लिया था। जिसकी हर माह दस हजार रुपये की किस्त जाती थी। उसने सुसाइड नोट में आगे लिखा है कि इस बीच बैंक से उसे फोन आया कि कुछ किश्तें उसे जल्दी भरनी होंगी, जिसके चलते वो परेशान हो गया।
3 लोगों से 3-3 लाख लेकर PA को दिए
इसके बाद उसने अपनी परेशानी विधायक के निजी सचिव को बताई तो उसने और उसके साथी ने कहा कि वो उसकी परेशानी हल करवा देगा। अगर उसके पास नौकरी वाले कुछ कैंडिडेट हों तो। इस पर सुभाष ने अपनी जानकारी के तीन लोगों से तीन-तीन लाख रुपए लेकर राजबीर को दे दिए, लेकिन लिस्ट में नाम नहीं आए। इस पर जब उसने पैसे वापस मांगे तो विधायक का निजी सचिव और उसका साथी पैसे देने से आनाकानी कर रहे हैं। इसके चलते परेशान होकर सुसाइड कर रहा हूं।