21 सितंबर को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान करीब 50 महिला विजिटर्स सदन में मौजूद थीं। प्रियंका चतुर्वेदी ने इन पर राजनीतिक नारेबाजी का आरोप लगाया है।
शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को चिट्ठी लिखी है। इसमें 21 सितंबर को संसदीय कार्यवाही के दौरान महिला विजिटर्स की तरफ से की गई नारेबाजी पर एक्शन की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के वक्त सांसदों की तरफ से बुलाई गई कुछ महिलाओं ने राजनीतिक नारेबाजी की थी।
प्रियंका ने इस पत्र की जानकारी देते हुए बताया कि महिला विजिटर्स सांसदों के न्योते पर आई थीं। किसी भी विजिटर को संसदीय कार्यवाही के दौरान बात करने की अनुमति नहीं होती। मुझे खेद है कि पार्लियामेंट में इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद कुछ महिलाओं ने नारेबाजी की। इस घटना से रूल 264 का उल्लंघन होता है। इसी के तहत मैंने चेयरमैन को पत्र लिखा है।
तस्वीर राज्यसभा की है। विजिटर्स गैलरी सांसदों के बैठने वाले स्थान से ऊपर होती है। यहां से आम जनता पार्लियामेंट्री प्रोसीडिंग देख-सुन सकती है।
अप्रिय घटना होने पर विजिटर्स को सदन में लाने वाले सांसद की जिम्मेदारी
प्रियंका ने चिट्ठी में आगे लिखा कि राज्यसभा के रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 264 में विजिटर्स के लिए नियम बताए गए हैं। इस नियम के तहत कोई सांसद किसी ऐसे व्यक्ति के लिए विजिटर्स कार्ड का आवेदन दे सकता है, जिसे वह व्यक्तिगत तौर पर जानता है। कुछ खास मामलों में सांसद ऐसे लोगों के लिए भी विजिटिंग कार्ड का आवेदन दे सकता है, जिन्हें उसके किसी जानने वाले ने उससे मिलवाया हो।
दूसरे मामले में सांसदों को बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्हें ये ध्यान रखने की सलाह दी जाती है कि अगर उनके आवेदन पर जिन लोगों को विजिटर्स कार्ड देकर सदन में बैठने की अनुमति दी गई है, वे लोग अगर किसी अनुचित गतिविधि में शामिल होंगे या उनकी वजह से कोई अप्रिय घटना होगी तो, इसकी जिम्मेदारी उस सांसद की होगी।
सदन की गरिमा भंग हुई, इसकी जांच की मांग
प्रियंका ने आगे कहा कि पचास से ज्यादा विजिटर्स ने सदन में नारेबाजी की, ये चिंता की बात है। सुरक्षा में हुई इस चूक के विरोध में विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इस मामले की गहनता से जांच हो, ताकि पता लगाया जा सके कि राज्यसभा की चारदीवारी में सुरक्षा और सदन की गरिमा का उल्लंघन कैसे हुआ।
इस हंगामे के पीछे जो भी व्यक्ति जिम्मेदार हों, उन्हें उन पर एक्शन होना चाहिए। इस घटना को अंजाम देने में जिन सांसदों की भागीदारी की जानकारी मिले, उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए। हमें वो सब कुछ करना चाहिए, जिससे संसद की गरिमा बनी रहे।
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महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास:5 दिन का विशेष सत्र 4 दिन में खत्म, लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसद के स्पेशल सेशन के चौथे दिन (21 सितंबर) राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) सर्वसम्मति से पास हो गया है। बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया।
अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। यह बिल लोकसभा में कल (बुधवार को) पास हुआ था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।
(21 सितम्बर 2023) राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक न्यूज़पेपर में प्रिंट आज की ख़बर…
संसद की कार्यवाही के मोमेंट्स:खड़गे ने कविता पढ़ी- शक्ति का नाम ही नारी; अठावले बोले- महिलाओं पर अन्याय करने वालों पर गाड़ी चढ़ाओ
महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम 21 सितंबर को राज्यसभा से पास हो गया। बिल पर चर्चा के दौरान सदन में कई मोमेंट्स देखने को मिले। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महिला आरक्षण पर बोलते हुए महिला सशक्तिकरण पर कविता पढ़ी।
उन्होंने कहा- कोमल है तू कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है। जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है। उधर, रामदास अठावले ने कहा कि महिलाओं को उनके काम में मत अड़ाओ, महिलाओं पर अन्याय करने वालों पर गाड़ी चढ़ाओ। पूरी खबर यहां पढ़ें…