प्रत्येक कार्य करने से पूर्व बुद्धिपूर्वक विचारना चाहिए: आचार्य दयानंद बिठमड़ा

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वैदिक यज्ञ करके हुआ 2 दिवसीय लघु गुरुकुल का शुभारंभ

एस• के • मित्तल
     सफीदों,        राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा सफीदों के तत्वावधान में गीता विद्या मंदिर सफीदों में दो दिवसीय लघु गुरुकुल का आयोजन आर्य संदीप शास्त्री ने वैदिक यज्ञ करके शुभारंभ किया। इस आयोजन में हिसार से पहुंचे आचार्य दयानंद बिठमड़ा ने ईश्वर सत्र लेते हुए युवाओं के सामने ईश्वर के गुणों को विज्ञान और तर्क से सिद्ध किया। आचार्य ने बताया कि विद्या ही सब सुखों का मूल है और सब प्रकार के दुखों का कारण अविद्या है।
अविद्या के कारण ही मनुष्य पाखंड, नशा, चोरी आदि अपराध करता है। बिना विद्या मनुष्य पशु के समान है। मनुष्य को प्रत्येक कार्य करने से पूर्व बुद्धिपूर्वक विचारना चाहिए। शिविर में सैंकडों प्रतिभागियों ने भाग लेकर अपना ज्ञानवर्धन किया। राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के जनपदीय अध्यक्ष आर्य मुकेश गुलकनी ने बताया कि इस प्रकार के सत्रों का आयोजन विगत 20 वर्षों से लगातार लगभग पूरे भारत में किया जाता है जिससे प्रेरणा पाकर लाखों की संख्या में युवा अपने राष्ट्र की परिस्थितियों को समझकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे है। इस मौके राजकुमार किनाना, संदीप आर्य सिवाहा, अमित आर्य जामनी, आर्य सतीश बलाना, साहिल आर्य, धर्मबीर आर्य, गोपीराम आर्य, मनीष बावलिया, मोहित आर्य व अनिल आर्य मौजूद थे।
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