महोत्सव में गायकों ने बांधा समा, श्रद्धालुगण जमकर झूमे
एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल की पिल्लूखेड़ा मंडी में श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव में बतौर अतिथि पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य व विशिष्टातिथि के रूप में हरियाणा भाजपा सुशासन विभाग के सदस्य नारायण दत्त शर्मा ने शिरकत की। मुख्यातिथि पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने ज्योत प्रज्ज्वलन करके समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में बाबा खाटू श्याम का अलौकिक श्रंृगार, दिव्य दरबार, लड्डू गोपाल दर्शन विशेष दर्शनीय रहा। वहीं श्रद्धालुओं ने अमृतमय भंडारा व छप्पन भोग व माखन मिश्री का प्रसाद ग्रहण किया।
सफीदों, उपमंडल की पिल्लूखेड़ा मंडी में श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव में बतौर अतिथि पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य व विशिष्टातिथि के रूप में हरियाणा भाजपा सुशासन विभाग के सदस्य नारायण दत्त शर्मा ने शिरकत की। मुख्यातिथि पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने ज्योत प्रज्ज्वलन करके समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में बाबा खाटू श्याम का अलौकिक श्रंृगार, दिव्य दरबार, लड्डू गोपाल दर्शन विशेष दर्शनीय रहा। वहीं श्रद्धालुओं ने अमृतमय भंडारा व छप्पन भोग व माखन मिश्री का प्रसाद ग्रहण किया।
महोत्सव में प्रसिद्ध भजन गायक यदुवंशी ब्रदर्श अमृतसर व जतिन धवन जींद ने पहुंचकर अपनी-अपनी स्वर लहरियां बिखेरकर भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान किया। पिल्लूखेड़ा ही नहीं बल्कि आसपास के अनेक गांवों से आकर श्रभ्द्धालुओं ने महोत्सव में पहुंचकर श्री कृष्ण की महिमा गुणगान सुना और भजनों की धून पर जमकर थिरके। अपने संबोधन में पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने कहा कि कलियुग में योगेश्वर श्री कृष्ण स्वयं हरिनाम के रूप में अवतार लेते है। केवल हरिनाम से ही सम्पूर्ण संसार का उद्धार संभव है।
भगवान श्री कृष्ण के चरणों में अर्द्धचंद्र, मछली, शंख, धनुष, त्रिकोण, कलश, चक्र, स्वास्तिक जैसे पवित्र चिन्हों को देखकर उनकी दिव्यता का अनुभव होता है। श्री कृष्ण एक मात्र ऐसे अवतार थे, जो 16 कलाओं से निपुण थे। श्रीकृष्ण की पूजा से जीवन में सफलता, सिद्धि-बुद्धि, धन-बल, ज्ञान-विवेक सुख और शांति की प्राप्ति होती है। योगेश्वर श्री कृष्ण ने संसार को गीता जी का संदेश किया। गीता जी के संदेशों को पूरा विश्व आत्मसात करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए। इस प्रकार के आयोजन ने समाज में भक्तिभाव का वातावरण पैदा होता है और युवाओं व बच्चों में संस्कारों व भक्ति की जागृति आती है। कार्यक्रम के समापन पर पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।