पिल्लूखेड़ा कन्या गुरुकुल में विवाद का मामला छात्राओं ने की किसी महिला प्रिंसिपल की नियुक्ति की मांग

छात्राओं-अभिभावकों का दूसरा पक्ष आया सामने
बुधवार को भी बंद रहा गुरुकुल

एस• के• मित्तल   
सफीदों,      सफीदों उपमंडल में पिल्लूखेड़ा मंडी के माता चन्नण देवी आर्य कन्या गुरुकुल में बीते शनिवार को उठे विवाद में यह गुरुकुल बुधवार को पांचवें दिन भी बंद रहा। स्टाफ में गुटबंदी के कारण उठे इस विवाद में हरयाणा आर्य प्रतिनिधि सभा की तरफ से इसकी सोमवार व मंगलवार की छुट्टी घोषित की गई थी। मंगलवार की रात्रि सभा की तरफ से फिर इसे बंद रखने का आदेश हुआ। इस पर आज छुट्टी थी
लेकिन गुरुकुल में एक पक्ष की कुछ छात्राएं जिन्होंने अपने नाम कालवा निवासी 11वीं की स्नेहा व नैंसी, सिवाहा की सिवानी, शीतल और अंतिम व अंजली निवासी भिड़ताना बताए, मनबीर व कृष्ण आदि कई अभिभावकों के साथ पहुंच गई जहां उनमें से कुछ छात्राओं ने गुरुकुल के संचालक पर लगाए गए दुर्व्यवहार व प्रबन्धक कमेटी पर लापरवाही के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि क्षेत्र के एक गुट द्वारा गुरुकुल के प्रबंधन पर कब्जा करने की साजिश के तहत माहौल बिगाड़ा जा रहा है। उनके अभिभावकों का कहना था कि गलत स्वार्थों के लिए कुछ लोग इतनी अच्छी संस्था को बर्बाद करने के प्रयास में हैं।
इन्होंने कुछ स्थानीय और लोगों को भी प्रबन्धक कमेटी में शामिल किए जाने की मांग तो की लेकिन पहले से बनी कमेटी को भी पूरी तरह से काबिल करार दिया। छात्राओं व अभिभावकों की मांग थी कि बेहतर माहौल के लिए गुरुकुल में प्राचार्य महिला होनी चाहिए। इस मामले से चिंतित कई अभिभावकों ने कहा कि इस विवाद में गुरूकुल बंद हो गया तो गरीब परिवारों की बेटियों की पढ़ाई बहुत मुश्किल हो जाएगी। आज इस गुरुकुल में स्थिति यह थी कि क्लर्क पवन कुमार के अनुसार अभिभावक फोन पर बार-बार पूछ रहे हैं कि कल गुरुकुल लगेगा या नहीं लेकिन उसके पास कोई सूचना नहीं है। आज राजस्थान से हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान सेठ राधाकृष्ण ने बताया कि दो दिन के भीतर नई कमेटी का गठन हो जाएगा और सभी कार्यदिवस में पढ़ाई होगी। पिल्लूखेड़ा मंडी में वर्ष 2016 में हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा स्थापित इस गुरुकल मे एमडीएच मसाला कम्पनी के मालिक महाशय धर्मपाल व उनके स्वर्गवास के बाद उनके वारिसों का निरन्तर अहम योगदान है। इसमे करीब 500 छात्राएं दाखिल हैं। पिछले कुछ दिनों से कुछ अध्यापिकाओं को और फिर पिछले सप्ताह प्राचार्य को हटा दिए जाने से भड़की कुछ छात्राओं ने संचालक को आरोपित करते हुए बीते शनिवार अनेक अभिभावकों को बुलाकर गुरुकुल में नारेबाजी की थी।
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पांच सदस्यीय प्रबन्धक कमेटी दे चुकी त्यागपत्र
2 सितंबर को उठे इस विवाद में गुरुकुल की प्रबन्धक कमेटी के प्रधान संजीव मुवाना, महामंत्री एवं आर्य समाज सफीदों के प्रधान यादविंद्र बराड़, सुरेंद्र वत्स, कर्मवीर भागखेड़ा, सतीश आर्य तथा गुरुकुल के संचालक आचार्य धर्मदेव ने अगले दिन ही अपना इस्तीफा हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष सेठ राधाकृष्ण को भेज दिया था। त्यागपत्र दे चुके अध्यक्ष संजीव मुवाना ने इसके बाद कहा कि बेटियों की इस संस्था की बेहतरी के लिए वह हमेशा समर्पित रहेंगे। उन्होंने गुख्रूकुल के सभी पक्षों को संयम एवं सद्बुद्धि से गुरुकुल के संचालन में आर्य प्रतिनिधि सभा का सहयोग करने का अनुरोध किया है।

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4 साल पहले भी गुटबंदी से उठा था विवाद
बता दें कि एमडीएच कम्पनी के मालिकों के अहम योगदान से विकसित इस गुरुकुल में चार वर्ष पहले भी प्रबंधन व नियुक्तियों को लेकर विवाद उठा था। तब आर्य प्रतिनिधि सभा ने आर्य समाज सफीदों में वर्ष 2007 से निरन्तर आम सहमति से बनते आ रहे प्रधान यादविंदर बराड़ व महामंत्री संजीव मुवाना को शांति का माहौल बनाने को गुरूकुल प्रबंधन में संजीव मुवाना को प्रधान व यादविंद्र बराड़ को महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी।

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