हरियाणा के पानीपत शहर में बसी असंल सुशांत सिटी फेस- टू एक बार फिर विवादों में आ गई है। बिल्डरों ने नियमों को ताख पर रखा है। यहां न ही जरूरत के मुताबिक STP प्लांट है और न ही यहां CTO की वैधता को रिन्यू करवाया गया है। इनके अलावा भी सोसायटी में कई खामियां मिली।
इनसे लगातार वातावरण प्रदूषित हो रहा। एक अधिवक्ता की शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरकत में आया। बोर्ड ने सोसायटी का निरीक्षण किया, जिस दौरान शिकायत सही पाई गई। अब बोर्ड द्वारा सोसायटी को चिट्ठी लिखकर 15 दिन के भीतर जबाव तलब किया गया है।
इन 4 मुख्य बिंदुओं पर आधारित शिकायत
– सोसायटी के पास Consent To Establish (CTE) नहीं है।
– सोसायटी द्वारा Environmental Clearance Certificate (ECC) नहीं लिया गया है।
– सोसायटी द्वारा Sewage Treatment Plant (STP) नहीं लगाया गया है।
– सोसायटी द्वारा Occupancy Completion Certificate (OCC) भूजल की वास्तविक उपयोगिता व ग्रीन बेल्ट डेवलपमेंट की जानकारी नहीं दी गई।
हुई जांच तो सही मिले आरोप
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पानीपत इकाई द्वारा असंल सुशांत सिटी- 2 को शोकॉज नोटिस भेजा गया है, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि सोसायटी द्वारा प्रदूषण कंट्रोल के नियमों, धाराओं एवं एक्ट की उल्लंघना की गई है।
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर मामले की जांच की गई। 1 अगस्त 2022 को जांच के दौरान सोसायटी के नियमों में अनेक तरह की बड़ी खामियां मिलीं। सोसायटी के CTO की वैधता 31 मार्च 2021 को खत्म हो चुकी है, इसके बाद यह रिन्यू नहीं करवाया गया है।
सोसायटी के STP की क्षमता मात्र 25 KLD(किलो लीटर प्रतिदिन) है, जबकि यहां से रोजाना 10600 KLD सॉलिड वेस्ट हो रहा है। इससे भी बड़ी बात यह है कि यहां जो 25 KLD का STP लगा हुआ है, वह जांच के दौरान वर्किंग में नहीं मिला। अनेक कारणों से वह बंद था।
15 दिन में मांगा जबाव, क्यों न की जाए कार्रवाई
प्रदूषण विभाग ने सोसायटी बिल्डर को लिखी चिट्ठी में कहा कि 15 दिन में जबाव दें। बताएं कि क्यों न तुम पर वातावरण प्रदूषित करने की कार्रवाई की जाए। अगर इसके जिम्मेदार 15 दिन में अपना जबाव नहीं दे पाए तो समझ जाएंगे कि उनके पास कोई जबाव नहीं है। इसके बाद वातावरण प्रदूषण का एक्ट 33-A/44/47 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हुडा से मिलीभगत में आ चुकी सामने
बता दें कि कुछ समय पहले अंसल सुशांत सिटी और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से सरकार को चूना लगाने का मामला भी सामने आ चुका है। अंसल सुशांत सिटी ने HSVP की सीवर लाइन में अपनी सीवर लाइन जोड़ दी थी, जिससे सोसायटी का वेस्ट हुड्डा सीवरेज से मिलकर निकल रहा था।
जब मॉडल टाउन के एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत दी तो विभाग ने पल्ला झाड़ते हुए अंसल सुशांत सिटी की सीवरेज लाइन को काट दिया। अपनी रिपोर्ट में विभाग ने तर्क दिया था कि उनको इसकी जानकारी नहीं थी। भनक लगते ही कनेक्शन काट दिया गया था। इसके बाद काफी समय तक वेस्ट सड़कों पर खुला बहा। अब फिर से कनेक्शन से वेस्ट जा रही है।