एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के राजकीय महाविद्यालय में भूगोल परिषद एवं एडवेंचर क्लब के तत्वाधान में प्राचार्या डा. तनाशा हुड्डा की अध्यक्षता में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। भूगोल परिषद व एडवेंचर क्लब के इंचार्ज डा. हरिओम विशेष रूप से मौजूद रहे। सेमीनार में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करते हुए डा. अनिल वत्स ने पर्यावरण और उसके अनुसार प्रजातियों के अनुकूलन होने की प्रक्रिया के बारे विस्तार से चर्चा की।
सफीदों, नगर के राजकीय महाविद्यालय में भूगोल परिषद एवं एडवेंचर क्लब के तत्वाधान में प्राचार्या डा. तनाशा हुड्डा की अध्यक्षता में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। भूगोल परिषद व एडवेंचर क्लब के इंचार्ज डा. हरिओम विशेष रूप से मौजूद रहे। सेमीनार में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करते हुए डा. अनिल वत्स ने पर्यावरण और उसके अनुसार प्रजातियों के अनुकूलन होने की प्रक्रिया के बारे विस्तार से चर्चा की।
डा. वत्स ने कहा कि पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत एक इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं। पर्यावरण वह है जो कि प्रत्येक जीव के साथ जुड़ा हुआ है हमारे चारों तरफ वह हमेशा व्याप्त होता है। सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं।
पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी। अपने संबोधन में महाविद्यालय की प्राचार्या डा. तनाशा हुड्डा ने कहा कि इस प्रकार के सेमीनार से विद्यार्थियों को पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति व यहां पर पाई जाने वाली प्रजातियों के विकास के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। कालेज में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए इस प्रकार के सेमिनार भविष्य में भी आयोजित कराए जाएंगे। इस अवसर पर प्राध्यापक बलविंद्र सिंह, निशा, संदीप ढिल्लों, सुरेंद्र, सुनील, अमन शर्मा, नवीश शर्मा, अमन, संजू व मीना मौजूद थे।