नौसेना के एपॉलेट्स का नया लोगो एडमिरल, वाइस एडमिरल, रियर एडमिरल के लिए जारी किया गया है।
भारतीय नौसेना ने शुक्रवार (29 दिसंबर) को एडमिरल, वाइस एडमिरल और रियर एडमिरल रैंक के अधिकारियों के एपॉलेट्स (अधिकारियों के कंधों पर लगने वाला बैच) का नया लोगो जारी कर दिया है। यह लोगो शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से इंस्पायर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर को नौसेना दिवस पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में इस डिजाइन को चेंज करने की बात कही थी।
नौसेना ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि भारतीय नौसेना ने एडमिरल्स एपॉलेट्स का नया डिजाइन नौसेना ध्वज से लिया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से इंस्पायर है और यह हमारी समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा आईना है।
नए एपॉलेट्स में मराठा शासक की राजमुद्रा को लाना गुलामी की मानसिकता छोड़ने की कोशिश है, जिसे अंग्रेजी राज की नेल्सन रिंग की जगह बदला गया है।
नए डिजाइन में क्या-क्या है
- गोल्डन नेवी बटन– यह गुलामी की मानसिकता को दूर करने के संकल्प को दोहराता है।
- अष्टकोण (ऑक्टागोन): यह आठ दिशाओं का प्रतीक है, जो सेना की सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है।
- तलवार: यह देश की शक्ति में अग्रणी बनने और प्रभुत्व के जरिए जंग जीतने, विरोधियों को हराने और हर चुनौती पर काबू पाने के नौसेना के उद्देश्य को दिखाती है।
- टेलीस्कोप: यह बदलती दुनिया में दृष्टि, दूरदर्शिता और मौसम पर नजर रखने का प्रतीक है।
रैंकों का नाम भी बदला जाएगा
पीएम मोदी ने नौसेना दिवस पर यह भी घोषणा की थी कि नौसेना रैंकों का नाम भी भारतीय परंपराओं के आधार पर रखा जाएगा। पिछले साल से नौसेना में कई बदलाव ककिए जा रहे हैं। इसके पहले कमांडरों के लिए डंडों का उपयोग बंद कर दिया, नए ध्वज को अपनाया और ट्रेडीशनल इंडियन ड्रेस कोड की परमिशन भी दी गई थी।
नौसेना ब्रिटिश शासन के दौरान मिले सेलर्स की रैंक का रिव्यू भी कर लिया है। कॉलोनियल मिलिट्री ट्रेडीशन को खत्म करने के एक बड़े अभियान के हिस्से के रूप में उन्हें इंडियन पोस्ट रैंक से बदलने की तैयारी है। 65 हजार से ज्यादा सेलर्स को अब नई रैंक मिलेगी।
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