हरियाणा में कुरुक्षेत्र के शाहबाद की रहने वाली नवजोत कौर इस बार कॉमनवेल्थ गेम में हॉकी टीम का हिस्सा नहीं बन पाई। हालांकि बर्मिंघम जाने वाली टीम में उनका नाम शामिल था, लेकिन किसी कारण वश वह नहीं जा पाई। नवजोत ने घर बैठकर पूरा मैच देखा। उनके चेहरे पर थोड़ी भी मायूसी नहीं थी कि वह टीम का हिस्सा नहीं है। जीत के तुरंत बाद नवजोत ने नेहा गोयल से फोन पर बात की और पूरी टीम को जीत की बधाई दी। नवजोत के घर भी उतना ही खुशी का माहौल है, जितना कि दूसरे खिलाड़ियों के घर पर।
नवजोत कौर ने बताया कि अंतिम समय में कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से टीम के साथ नहीं जा पाई। उन्होंने बताया कि उनको इस बात का बहुत दुख है कि वह इस बार टीम का हिस्सा नहीं है। फिर भी उसे खुशी है कि टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेडल हासिल किया। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले दिनों मे वह दूसरे मैच खेलेगी और अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी।
टीम की जीत के बाद मिठाई खिलाते पिता।
नवजोत कौर ने बताया कि आज का मैच बहुत ही नजदीकी मैच था। हम दूसरे क्वार्टर से ही 1-0 की बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन अंत में न्यूजीलैंड की टीम गोल करने में कामयाब रही और स्कोर बराबरी पर आ गया। तब थोड़ा डर लगा, लेकिन टीम की कप्तान सविता पूनिया व अन्य खिलाड़ियों की सूझबूझ से पेनल्टी शूटआउट में हम जीत हासिल करने में कामयाब हुए। नवजोत कौर ने कहा कि हो की एक टीम गेम है और यहां किसी एक खिलाड़ी की बात नहीं की जा सकती यह जीत पूरी टीम की जीत है।
मैच के बाद नेहा गोयल से की बात।
जब नवजोत कोर से पूछा गया कि क्या आपको मैच में कहीं पर लगा कि अगर आप खेल रहे होते तो शायद यह गलती न करते जो किसी अन्य खिलाड़ी ने की हो। इस पर नवजोत कौर ने कहा कि पूरे मैच में कौन कब कहां और कैसे गलती कर जाए, यह कहा नहीं जा सकता। ऐसा नहीं है कि अगर मैं खेल रही होती तो मुझसे गलती न होती। हम ने मैच जीता यह हमारे लिए खुशी की बात
बता दें कि नवजोत कौर के पिता एक मैकेनिक हैं और माता गृहिणी हैं। पिता का कहना है कि बेटी के न खेलने का दुख तो है, लेकिन सभी बेटियां हमारी अपनी हैं। हमें खुशी है कि सभी ने अच्छा खेल दिखाया और मेडल जीता। नवजोत ने भी अर्जुन अवॉर्डी कोच बलदेव सिंह से ट्रेनिंग ली है ।