केंद्र सरकार आयुष्मान योजना के विस्तार की तैयारी में है। यह दो तरीके से होगा। पहला- इस योजना के तहत इलाज के लिए मिलने वाली मदद 5 लाख रु. से बढ़ाकर 10 लाख रु. की जा सकती है।
दूसरा- इस योजना के दायरे में उन 40 करोड़ लोगों को भी शामिल किया जा सकता है, जिनके पास अभी हेल्थ बीमा नहीं है। अभी आयुष्मान योजना के तहत कुल 60 करोड़ लोगों (12 करोड़ परिवार) को रखने का लक्ष्य है, जो अभी पूरा नहीं हुआ है।
फरवरी में आने वाले अंतरिम बजट में घोषणा हो सकती है
संसदीय समिति ने सिफारिश दी है कि केंद्र सरकार इलाज खर्च बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करे। इसे देखते हुए सरकार फरवरी में पेश होने वाले अंतरिम बजट के विजन दस्तावेज में बड़ी घोषणा कर सकती है। देश में आयुष्मान कार्ड प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बनते हैं।
आयुष्मान योजना की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कई मामलों में 5 लाख रु. काफी नहीं हैं। कुछ जटिल और संवेदनशील सर्जरी का खर्च इससे कहीं ज्यादा होता है। इतना ही नहीं, कुछ जटिल सर्जरी भी अभी योजना के दायरे में नहीं हैं।
33 करोड़ कम लोग ही योजना के दायरे में आए
केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया… लक्ष्य यह था कि 12 करोड़ परिवारों के 60 करोड़ लोगों को पीएमजय कार्ड जारी किए जाएं। प्रत्येक परिवार को 5 लाख रु. तक का सेहत बीमा दिया जाए। लेकिन, अभी तक लक्ष्य से 33 करोड़ कम लोग ही योजना के दायरे में आ सके हैं।
आयुष्मान योजना में खामियां भी…
स्वास्थ्य मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति ने आयुष्मान योजना में खामियां भी गिनाई हैं। कहा कि योजना के क्रियान्वयन में कमी रह गई है, तभी 33 करोड़ लोग अब तक इसके दायरे में नहीं आए हैं।
योजना में मध्यम वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं
मुफ्त इलाज की योजना में गरीबी रेखा के ऊपर के मध्यम वर्ग के परिवारों को शामिल किया जा सकता है। जबकि, बाकी बची हुई आबादी को न्यूनतम प्रीमियम के माध्यम से हेल्थ कवर दिया जा सकता है।
भाजपा ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के चुनावों के दौरान सेहत बीमा 10 लाख रु. करने वादा किया था। इसलिए, अब यही गारंटी राष्ट्रीय स्तर पर दी जा सकती है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि इसे मंत्रालय के स्तर पर लाया जाएगा या लोकसभा चुनाव के दौरान ‘मोदी की गारंटी’ के तौर पर भी पेश किया जाएगा। हालांकि, अंतरिम बजट में घोषणा की संभावना ज्यादा है।
समिति की सिफारिशें, जिन पर फैसला होगा….
- मध्यम वर्गीय परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलना चाहिए। क्योंकि, ये लोग गरीबी रेखा से ऊपर तो हैं, लेकिन महंगा इलाज करने में समर्थ नहीं हैं।
- ये परिवार बीमारियों की चपेट में आने के बाद गरीबी रेखा के नीचे जाने के जोखिम में बने हुए हैं।
- योजना में केंद्र का हिस्सा 7000 करोड़ रु. है। इसे बढ़ाना जरूरी है।
- 5 लाख रु. से ऊपर का खर्च गरीब परिवार के लिए मुश्किल है। इसके लिए सरकार राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अलावा कोई ऐसा विशेष इंतजाम भी करे, जिसके माध्यम से अतिरिक्त खर्च की भरपाई हो सके।
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