देशभर में डॉट्स केंद्रों पर टीबी के इलाज की है निशुल्क व्यवस्था : सीएमओ डा. मंजू कादियान

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विश्व क्षय रोग दिवस पर लगाया स्वास्थ्य जांच शिविर 

एस• के• मित्तल 
जींद,        नागरिक अस्पताल जींद में स्थित क्षय रोग केंद्र में शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस (क्षय रोग) पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग तथा रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा क्षय रोगियों की स्वास्थ्य जांच की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमओ डा. मंजू कादियान ने की जबकि कैंप का आयोजन रेडक्रॉस सचिव रवि हुड्डा द्वारा करवाया गया।
सीएमओ डा. मंजू कादियान ने कहा कि आज टीबी का पूरी तरह से इलाज संभव है। इसके तहत देशभर में डॉट्स केंद्र बने हैं, जहां टीबी के इलाज की निशुल्क व्यवस्था होती है। इन केंद्रों की सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि यहां मरीज को केंद्र पर ही दवाई खिलाई जाती है ताकि इलाज में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि क्षय रोग होने पर रोगी पौष्टिक आहार लें। पर्याप्त मात्रा में विटामिंस, मिनेरल्स, कैल्शीयम, प्रोटीन और फाइबर हों, क्योंकि पौष्टिक आहार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। अगर आपको अधिक समय से खांसी है, तो बलगम की जांच जरूर करानी चाहिए। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. श्याम सुंदर ने कहा कि विश्व क्षय रोग दिवस पूरे विश्व में 24 मार्च को घोषित किया गया है और इसका उद्देश्य है लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना। टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। इसका उपचार सभी सरकारी संस्थाओं में मुफ्त किया जाता है।
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश को टीबी बीमारी से मुक्त किया जाए। ये तब ही संभव है जब आम जनता इसमें सहयोग करें। डिप्टी सीएमओ डा. पालेराम कटारिया ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लिए जनभागीदारी अतिआवश्यक है। निक्षय मित्र बना कर सरकार लोगों को रोगियों की सहायता के लिए जागरूक कर रही है। कोई भी सामान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि, सरकारी, कार्पोरेट संस्थान निक्षय मित्र बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर टीबी का इलाज संपूर्ण व सही ढंग से ना लिया जाए तो एमडीआर टीबी हो सकती है। कार्यक्रम में डा. रमेश पांचाल ने टीबी के लक्ष्ण, उपचार व सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम में डा. राघव, डा. दिनेश, कोमल, नरेश, रितू, प्रतिभा, संदीप, प्रियंका, जगबीर आदि मौजूद रहे।
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