लोग मृत मुर्गों को कट्टों में भर कर नहर में डाल रहे हैं।
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव सुरजनवास और देवास के नजदीक से गुजरने वाली जवाहरलाल कैनाल नहर में इसके साथ लगते गांवों के लोग मृत पशु डाल रहे हैं। लगभग दो माह पहले सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने जिले के नहरों में पूजा सामग्री डालने तक से रोक लगाई गई थी। लेकिन इसका लोगों पर कोई असर नहीं दिखा।
बीमारी फैलने का खतरा
बुधवार को एनबी थ्री पंप हाउस में काफी संख्या में कर्मचारियों ने मृत मुर्गे बाहर निकाले हैं। जवाहरलाल कैनाल नहर इस प्रकार मृत पशु और मुर्गे डालने से नहर का पानी पीने योग्य नहीं रहता, यह पानी पीने से लोग गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग अब पोल्ट्री फार्म संचालकों को नोटिस जारी करेगा।
नहर से निकाले गए मृत मुर्गे।
नहरी पानी पर निर्भर हैं लोग
नारनौल व महेंद्रगढ़ शहर पूरी तरह से नहरी पानी पर निर्भर हैं। शहर में जवाहर कैनाल नहर से पेयजल सप्लाई की जाती हैं। इसके अलावा नहरों से क्षेत्र के वाटर वर्क्स टैंक एवं जोहड़ों को पानी से भरा जाता है, ताकि क्षेत्र में पीने के पानी की आपूर्ति हो सके।
लेकिन लोग अपने घरों की सफाई करके देवी-देवताओं की फोटो, मूर्तियां एवं हवन सामग्री नहर में बहाते हैं। इसी को देखते हुए सिंचाई एंव जल संसाधन विभाग ने फील्ड के सभी कर्मचारियों को कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं और विशेष निगरानी टीम भी गठित कर दी है।
प्रशासन पानी दूषित करने वालों पर सख्त
कोई भी व्यक्ति नहर में कचरा एवं हवन सामग्री इत्यादि डालता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ तुरंत मामला दर्ज कराने के आदेश जारी किए थे। लेकिन विभाग के आदेशों का जवाहर लाल कैनाल के साथ गांवों के लोगों पर कोई असर नहीं दिखा। आए दिन कर्मचारियों को नहर में मृत पशु पाए जा रहे है। इसके अलावा आसपास के गांवों के पोल्ट्री फार्म संचालक नहर मे बीमारी के कारण मरे रहे मुर्गों को नहर पर डाल रहे है।
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