अंबाला शहर। अंबाला शहर में जमीन की खरीद फरोख्त के मामले में पटवारी समेत सात लोग फंस गये हैं। जिसके चलते पुलिस ने सातों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। अंबाला शहर के सेक्टर 1 के रहने वाले नीरज शर्मा ने बताया कि 8 सितंबर 2010 में मथुरा नगरी के विरेंद्र सिंह से एक कनाल 10 मरले जमीन का टुकड़ा खरीदा था। जिसका इंतकाल 3 फरवरी 2011 को हो गया था और कब्जा भी मिल गया था। इसी जमीन के टुकड़े को विरेंद्र सिंह ने रूपिंद्र सिंह से खरीदा था। जिसक इंतकाल पटवारी अशोक कुमार ने विरेंद्र के नाम दाखिल कर दिया था।
रूपिंद्र ने छह में से एक कनाल दस मरला विरेंद्र सिंह को बेच दी। विरेंद्र सिंह जमीन का पहले मालिक बन गया और रूपिंद्र सिंह जिसने जमीन विरेंद्र को बेची थी वह बाद में मालिक बना। 2015-16 की जमाबंदी में शिकायतकर्ता का नाम नहीं आया। जिसका कोई जवाब नहीं मिल सका। क्योंकि उनके पास नजरसानी का रिकार्ड ही नहीं था।
अदालत में डाल दिया था सिविल सूट केस
मामले में जसमेर सिंह ने मलकीत सिंह व अन्य के खिलाफ एक सिविल सूट 2010 में जमीन बेचनेे को लेकर किया। जिसमें जजमेंट आई कि 17 अप्रैल 2014 को मलकीत सिंह, गुरमीत सिंह बिना तकसीम के जमीन को बेच नहीं सकते। मामले में मलकीत सिंह ने कोई विरोध नहीं किया। ऐसे में उसके साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी की गई है। मलकीत सिंह मृत्यु के बाद उसके वारिसों ने 2019 में दो रजिस्ट्रियां करवा दी। जिनकी आगे पांच रजिस्ट्रियां हो गई। जिसके चलते उसका काफी नुकसान हुआ है। नजरसानी में भेजने का कोई नोटिस शिकायतकर्ता को नहीं दिया गया। मामले में विरेंद्र और रूपिंद्र सिंह ने भी जसमेर के खिलाफ शिकायत न की गई। मामले में सीएम विंडो पर भी शिकायत दी थी।
शिकायत पर इन्हें बनाया आरोपित
मामले में पुलिस ने पटवारी समेत लोगों को आरोपित बनाया है। जिसमें जसमेर सिंह निवासी गरनाला, रूपिंदर सिंह निवासी जग्गी गार्डन, वरिंदर सिंह निवासी मकान मथुरा नगरी, अंग्रेज कौर, जगजीत सिंह, बलविंदर सिंह और पटवारी अशोक कुमार है।