हरियाणा के यमुनानगर के जठलाना में प्रशासन शुक्रवार को गुरुद्वारा साहिब को खाली नहीं करा पाया। कोर्ट के आदेश के बाद गुरुद्वारा की जमीन को कब्जा मुक्त करा कर मुस्लिम समाज को सौंपा जाना है। सिख समुदाय का कहना है कि वो दूसरी जगह पर इतनी ही जमीन देने को तैयार हैं। हालांकि इस बीच दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समाज दूसरी जगह जमीन लेकर विवाद को खत्म करने को राजी हो गया है। इस बीच प्रशासन की संभावित कार्रवाई को देखते हुए गुरुद्वारा में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लाेग जुटे। कोई प्रशासनिक अधिकारी यहां नहीं पहुंचा।
प्रशासन का अल्टीमेटम खत्म
बता दें कि जठलाना में गुरुद्वारा की 14 मरले जमीन पर विवाद चला आ रहा है। कोर्ट गुरुद्वारा की जमीन को वक्फ बोर्ड की बता कर इसे खाली करा कर मुस्लिम समुदाय को सौंपने का आदेश जारी कर चुका है। इस जमीन विवाद को निपटाने के लिए दोनों पक्षों की बैठकों का दौर चलता रहा है। ग्राम पंचायत भी हस्तक्षेप कर चुकी है। यमुनानगर प्रशासन ने मामले में गुरुद्वारा प्रबंधन को आदेश दिया था कि शुक्रवार तक इसको खाली कर दें। अन्यथा प्रशासन कार्रवाई कर इस जगह को कब्जा मुक्त करा लेगा।
जठलाना का गुरुद्वारा और लगी भीड़।
लोगों की भीड़ उमड़ी
प्रशासन के अल्टीमेटम को देखते हुए शुक्रवार को जठलाना के गुरुद्वारा में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। सुबह ही लोगों ने यहां पहुंच कर गुरबाणी का पाठ और कीर्तन शुरू कर दिया गया। आसपास के गांव से भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे। पुलिस की कई गाड़ियां भी पास के थाने तक पहुंची, लेकिन गुरुद्वारा में न तो पुलिस आई और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। ग्रामीणों का कहना हे कि जिस जमीन पर गुरुद्वारा है, वहां कभी भी मस्जिद नहीं रही। गुरुद्वारा प्रबंधन 14 मरले जमीन दूसरी जगह पर देने को राजी है। लेकिन इस पर मुस्लिम समुदाय की ओर से सहमति नहीं जताई गई। पूरा दिन यहां तनाव का माहौल बना रहा।
हम जमीन दूसरी जगह देने को राजी
इस बीच खबर यह भी आई कि दोनों पक्ष जमीन के इस मामले को मिल बैठ कर निपटाने को राजी हैं। गुरुद्वारा साहिब कमेटी के सदस्य संजीव ओबराय ने कहा कि वह गुरुद्वारा साहिब की जमीन के बदले 14 मरले की जमीन मुस्लिम समुदाय को और कहीं देने की बात कहीं ताकि दोनों समुदाय में आपसी भाईचारा बना रहे और समाज और गांव का माहौल का खराब ना हो।
इनका दावा- विवाद का हल निकला
हिंदू समाज रक्षक के मान सिंह आर्य ने इस पूरे मामले में कहा कि आज मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात करने के बाद इस समस्या का हल निकाल लिया है। उन्होंने दावा किया कि आपसी बातचीत के बाद विशेष समुदाय की ओर से संदेश आया कि दोनों समुदाय और धर्मों की भाईचारा, एकता, धर्म निष्ठा को देखते हुए वे दूसरी जगह जमीन लेने को राजी है। आपसी सहमति के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा गुरुद्वारा साहिब की जितनी जमीन में बना हआ है, उतनी भूमि मुस्लिम समाज को दे दी जाएगी।