दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र आज सुबह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवाती तूफान का गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने का खतरा टल गया है।
हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए गए एक फॉर्मूले के अनुसार इस तूफान का नाम ‘तेज’ रखा गया है। IMD के वैज्ञानिकों ने तेज के ओमान के दक्षिणी तटों और यमन की ओर बढ़ने की आशंका जताई है।
IMD ने शुक्रवार को बताया था कि चक्रवाती तूफान तेज अरब सागर में बिपरजॉय के बाद उठने वाला इस साल का दूसरा साइक्लोन होगा। मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि कभी-कभी तूफान पहले से अनुमानित ट्रैक से भटक सकते हैं, जैसा कि चक्रवात बिपरजॉय के मामले में देखा गया था।
बिपरजॉय जून में अरब सागर में बना था और शुरुआत में उत्तर-पश्चिम दिशा में चला गया था। बाद में इसने अचानक दिशा बदली और गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच इसका लैंडफाल हुआ।
यमन आइलैंड से 600 किलोमीटर दूर
IMD ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र रविवार 21 अक्टूबर की दोपहर 12:37 बजे सोकोट्रा (यमन का आइलैंड) से करीब 600 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में केंद्रित था। अगले 12 घंटे में इसके भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है।
चक्रवाती तूफान के दौरान 62-88 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। यदि हवा की रफ्तार अधिकतम 89-117 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाती है तो इसे गंभीर चक्रवाती तूफान कहा जाता है।
IMD के मुताबिक, तेज तूफान 25 अक्टूबर की सुबह अल गैदाह (यमन) और सलालाह (ओमान) से होकर यमन-ओमान के तटीय इलाकों को पार करेगा।
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चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के जखौ पोर्ट से टकरा गया है। इससे तटीय इलाकों में 125 से 135 किमी घंटे की रफ्तार से हवाएं चली। तूफान की चपेट में गुजरात के 10-12 जिले हैं, लेकिन असर कई राज्यों में हुआ। पढ़ें पू
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