केंद्र सरकार के पास कश्मीर में आतंकी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की सूचना नहीं; RTI में खुलासा

 

पानीपत. आरटीआई में खुलासा हुआ है कि केंद्र सरकार के पास जम्मू कश्मीर में आंतकवादियों के हाथों मारे गए लोगों व पलायन करके वापिस लौटे लोगों की सूचना नहीं है. जम्मू कश्मीर पुलिस के जम्मू मुख्यालय की डीएसपी एवं जन सूचना अधिकारी स्वाति शर्मा ने आरटीआई में अपने 27 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा बताया कि आंतकवादियों के हाथों जिला जम्मू  में वर्ष 1989 से आज तक सिर्फ 2 कश्मीरी पंडित मारे गए. जबकि इस दौरान आंतकवादियों द्वारा मारे गए कुल 274 लोगों में से 197 हिंदू ,37 मुस्लिम,36 सिख व 2 अज्ञात थे. दूसरी ओर जोनल पुलिस हेड क्वार्टर कश्मीर के जन सूचना अधिकारी ने अपने 1 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा सूचना देने से इनकार कर दिया.

केंद्र सरकार के पास कश्मीर में आतंकी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की सूचना नहीं; RTI में खुलासा

उन्होंने कहा कि आंतकवादियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडितों, मुस्लिमों व अन्य धर्म के लोगों की संख्या बताने से व पलायनकर्ताओं की घर वापसी की सूचना देने से देश की  एकता अखण्डता व सुरक्षा खतरे में आ जायेगी. सबसे बड़ी हैरानी है कि केंद्र सरकार के पास वर्ष 1989 से आज तक जम्मू कश्मीर में  आंतकवादियों के हाथों मारे गए व पलायनकर्ता कश्मीरी पंडितों, मुसलमानों व अन्य  की संख्या की कोई सूचना ही नहीं है. सरकार को यह भी नहीं पता कि पलायनकर्ता कुल कितने कश्मीरी पंडितों को वापिस कश्मीर में बसाया जा चुका है.

हिमाचल से दिल्ली जा रही हरियाणा रोडवेज बस ने राधास्वामी संगत की बस को मारी टक्कर, 2 की मौत, 30 घायल

यह चौंकाने वाला खुलासा पानीपत (हरियाणा) आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरटीआई से मिली सूचना से किया है. कपूर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी कबिराज साबर ने अपने 26 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा बताया कि उनके पास जम्मू कश्मीर में वर्ष 1989 से आंतकवादियों के हाथों मारे गए इन मृतकों की कुल संख्या की सूचना उपलब्ध नहीं है.

हरियाणा के राखीगढ़ी में 5,000 साल पहले रहने वाली 2 महिलाओं के मिले कंकाल, DNA टेस्ट से हो सकता है बड़ा खुलासा

जम्मू कश्मीर से कुल 44,684 परिवारों (कुल 1,54,712 लोगों )ने पलायन किया. इन पलायनकर्ताओं में से कितने कश्मीरी पंडित थे, कितने मुस्लिम या अन्य थे, यह जानकारी भी केंद्र सरकार के पास मौजूद नहीं है. केंद्र सरकार के पास यह सूचना भी नहीं है कि कितने कश्मीरी पंडितों को आज तक वापिस कश्मीर में बसाया गया.

.

.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!