भाजपा नेता के एक करोड़ 10 लाख रुपए के साथ गायब हुआ PWD विभाग के JE का पुलिस ने सुराग लगा लिया है। SP गंगाराम पूनिया ने गांव के शिष्टमंडल को यह आश्वासन दिया है। अलबत्ता उन्होंने अभी खुलासा नहीं किया कि पुलिस के पास क्या सुराग है। SP ने ग्रामीणों को बताया कि अभी क्योंकि इस मामले की जांच चल रही है। इसलिए पुलिस के पास इस केस को सुलझाने का सुराग क्या है? इसकी जानकारी नहीं दे सकते। SP के आश्वासन पर नाराज ग्रामीणों ने फिलहाल हाईवे जाम करने की अपनी चेतावनी को स्थगित कर दिया है।
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SP मिलने पहुंचे ग्रामीण।
पुलिस ने दो को हिरासत में लिया
गांव के भाजपा नेता समेत उसके भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि दीपक भाजपा नेता के एक करोड़ दस लाख रुपए चंडीगढ़ से लेकर आ रहा था। तभी वह सोमवार गायब हो गया। बाद में अगले दिन उसकी कार नहर किनारे मिली। अभी तक दीपक का पता नहीं चल पाया है। गांव के लोगों में नाराजगी इस बात की है कि सब कुछ जानते हुए भी पुलिस मामले की सही से छानबीन नहीं कर ही है। गांव के लोगों का कहना है कि यदि करण सिंह से सख्ती से पूछताछ की जाए तो सारा मामला सुलझ सकता है।
बड़ा सवाल एक करोड़ दस लाख रुपए की रकम क्यों?
भाजना नेता कर्ण सिंह ने दीपक से चंडीगढ़ से जो एक करोड़ दस लाख रुपए की रकम मगंवाई, वह किसकी है? क्यों इतनी बड़ी रकम उसने मंगवाई। इस पैसे का क्या किया जाना है? क्यों दीपक इतनी बड़ी रकम लेकर आया? इन सवालों पर SP ने हालांकि यह कहते हुए फिलहाल विराम लगा दिया कि अभी जांच जारी है। वीरवार को सारा खुलासा कर दिया जाएगा।
SP से मिलने के बाद जानकारी देते ग्रामीण।
सवाल नंबर दो दीपक गायब हुआ या गायब किया गया दीपक खुद गायब हुआ, या उसे गायब किया गया है? यह बड़ा सवाल है। ग्रामीण और दीपक के परिजन इसे लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि पुलिस से लाख गुहार कर ली। अभी तक कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है। जिस हालत में कार मिली है, इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोई अनहोनी हुई है। पुलिस की जांच टीम के एक अधिकारी ने बताया कि अभी किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
सवाल तीन क्या दीपक की कार का कोई पीछा कर रहा था गांव निवासी रणबीर ने दावा किया कि दीपक की कार का पीछा किया जा रहा था। यह जानकारी दीपक ने अपने दोस्त को दी थी। दोस्त ने उसे कार भगाने की सलाह दी थी। तो ऐसे में यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि जहां से JE ने रकम ली है, वहां से कोई इसके पीछे लगा था।
गांव में जाम लगा कर बैठे ग्रामीणों को समझाने DSP गौरव की फाइल फोटो।
सवाल चार फिर दीपक ने घर डिनर तैयार करने को क्यों बोला
परिजनों ने दावा किया था कि दीपक ने घटना की शाम घर पर फोन कर यह बताया था कि वह चंडीगढ़ से करनाल आ गया है। उसके साथ कुछ दोस्त है। लिहाजा उनका भी डिनर तैयार कर लेना। यदि उसकी कार का पीछा कोई दूसरी कार कर रही थी तो फिर वह घर पर कम से कम डिनर तैयार करने की बात तो न बोलता। इस तथ्य को भी पुलिस ध्यान में रख कर जांच कर रही है।सवाल पांच क्या घटना के तौर सटोरियों से जुड़े हैं?पुलिस की जांच टीम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहली नजर में यह मामला सट्टेबाजी से जुड़ा लग रहा है। इतनी बड़ी रकम गांव में आना निश्चित ही इस ओर इशारा कर रहा है। इनपुट भी मिला था कि कुछ गांव में इन दिनों क्रिकेट पर सट्टा खेला जा रहा है। अभी इसकी जांच ही चल रही थी कि यह कांड हो गया। पुलिस इस एंगल को भी ध्यान में रख कर जांच कर रही है।
बड़ा सुराग लग गया पुलिस के हाथ
बुधवार की देर शाम जिस तरह से मामले को लेकर SP गंगाराम पुनिया निश्चित है,इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस के पास बड़ा सुराग लग गया है। SP ने अपने चिरपरिचित अंदाज में ग्रामीणों को आश्वासन दिया है। आपको ध्यान होगा कि SP इस तरह के उलछे मामलों की गुत्थी सुलझाने में काफी माहिर है। वह बिना कुछ बोले बहुत ही गुपचुप तरीके से जांच टीम के साथ मिल कर मामले को सुलझाने का काम करते हैं। SP इस तरह की काबिलियत कमालपुर गांव में जश हत्याकांड में भी दिखा चुके हैं। जब ग्रामीण हत्यारा तो मान रहे थे, लेकिन SP ग्रामीणों की बात सुनते थे, उन्हें एकांत में बुलाते और समझते थे। SP की इसी कोशिश की वजह से तब कमालपुर में बड़ा हंगामा होने से बच गया था। अब भी SP इसी तरह से जांच कर रहे हैं। माना जा सकता है कि आज इस मामले का पटाक्षेप हो सकता है।