करनाल में MBBS डॉक्टरों की भूख हड़ताल: चार विद्यार्थियों की बिगड़ी तबीयत, शाम को सचिवालय तक किया प्रदर्शन

हरियाणा के जिले करनाल में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में बैठे विद्यार्थियों की हड़ताल का आज 26वां दिन था। अपनी मांगों को लेकर पिछले 2 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे 7 में से 4 विद्यार्थियों की हालत बिगड़ गई। जिन्हे इलाज के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया। इन चारों छात्रों का इलाज करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

करनाल में MBBS डॉक्टरों की भूख हड़ताल: चार विद्यार्थियों की बिगड़ी तबीयत, शाम को सचिवालय तक किया प्रदर्शन

शाम को किया सेक्टर 12 तक प्रदर्शन

बतादे कि MBBS विद्यार्थियों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल की शुरू की थी। आज शाम को अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने मेडिकल कॉलेज के परिसर से सेक्टर-12 स्थित DC ऑफिस तक रोष मार्च निकला।

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मांगों को लेकर जिला सचिवालय तक प्रदर्शन करते छात्र।

मांगों को लेकर जिला सचिवालय तक प्रदर्शन करते छात्र।

प्रदर्शन के दौरान बिगड़ी दो की तबीयत

आज देर शाम को जब छात्र DC कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए पहुंचे तो उस दौरान दो विद्यार्थियों की तबीयत खराब हो गई। जिन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। वहीं दो विद्यार्थियों के भर्ती होने के एक घंटे बाद दो और विद्यार्थियों की तबीयत खराब हो गई। अभी फिलहाल 4 MBBS विद्यार्थियों को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। चार में से दो को ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई गई है। ्

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26 दिन से नहीं हो रही पढ़ाई

​​​​​​​बतादे कि प्रदेश भर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए है। पिछले 26 दिन से छात्रों कक्षांए नहीं लगा रही है। छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

आर्थिक रूप से कमजोर छात्र कैसे करेंगे पढ़ाई

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि 4 साल के कोर्स में MBBS के छात्रों को 40 लाख रुपए की फीस जमा करानी होगी। जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह MBBS का कोर्स नहीं कर पाएंगे। जिससे बॉन्ड नीति के खिलाफ MBBS के छात्रों में रोष है। छात्राओं ने सरकार से मांग की है कि बॉन्ड नीति को वापस लिया जाए, ताकि छात्र MBBS का कोर्स आसानी से कर सके। छात्रों का कहना है कि शासन और प्रशासन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है।

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छात्रों की ये है मुख्य मांगे

OPD के बाहर धरने पर बैठे छात्रा की मुख्य मांग है कि बॉंड एग्रीमेंट में से बैंक की दखल अंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए।

-साथ ही बाँड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 वर्ष की जाए।

– ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे।

– 40 लाख सेवा बॉंडराशि को घटाकर 5 लाख रुपए किया जाए।

 

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