हरियाणा के जिले करनाल में भी पशुओं में लंपी स्किन डिजीज बीमारी लगातारा बढ़ती जा रही है। करनाल जिले में बुधवार शाम तक कुल 81 केस मिले है। सोमवार तक यह आंकडा जिले में 12 तक था। दो दिन में यह आंकडा 81 पर पहुंच गया है। करनाल की श्री राधा कृष्ण गौशाला में भी 30 गाय व गोवंश में इस बिमारी के लक्ष्ण पाए गए है। इससे गौशाला में मौजूद अन्य हजारो गोवंश में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। जिले में बढ़ रही इस बीमारी को लेकर अब पशुपालकों की चिंताए बढ़ गई है।
जिले में यह बिमारी खासकर गायों में देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस की तरह फैलने वाली लंपी स्किन डिजीज से पशुपालक काफी परेशान है, क्योंकि बीमारी पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है। वहीं पशुपालन विभाग टीमें भी अर्लट है जो जिले भर की गौशालाओं में जांच कर रही है। वहीं लोगों को पशुओं की देखभाल के लिए जागरूक कर रही है। विभाग का दावा है कि जल्द ही इस बीमारी की डोज करनाल में आने वाली है। बैरहाल पशुपालक इस बीमारी को लेकर काफी डरे हुए है।
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लंपी स्किन डिजीज बीमारी ग्रस्त गांय।
विभाग अलर्ट
पशु विशेषज्ञों की माने तो जिले में सोमवार को 12 केस लंपी स्किन डिजीज के सामने आ थे। बुधवार शाम को यह आंकडा चौकाने वाला दिखा। दो दिन में यह केस 12 से बढ़ कर 81 पर पहुंच गए है। पशु पालन विभाग इस बीमारी पर नजर बनाए हुए है। पशुपालकों की मानें तो गांव में तो डॉक्टर लंपी स्किन डिजीज का इलाज करने से मना कर रहे है। उनका कहना है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। मजबूरी में पशुपालक पशुओं को इलाज के लिए उचानी स्थित चिकित्सालय में ला रहे है। जहां पर पशु विशेषज्ञ बीमारी से पीडि़त पशुओं का इलाज करने में जुटे है। जिले में भी लंपी स्किन डिजीज बीमारी का प्रकार लगातार फैल रहा है, राजस्थान में तो बीमारी ने पशुपालकों की कमर तोड़कर कर रख दी है। हजारों की संख्या में गाय बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुकी है।
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गौशाल में 1200 से ज्यादा गाय व गोवंश
अर्जुन गेट स्थित श्री राधा कृष्ण गौशाला के मैनेजर नवीन शर्मा ने बताया कि इस गौशाला में 1200 से ज्यादा गाय व गोवंश है। अब तक यहां पर 30 के करीब गाय व गोवंश लंपी स्किन डिजीज की बीमारी में चपेट में आ गए है। सभी संक्रमित गाय व गोवंशों के ब्लड सैंपल लेकर भोपाल लैब में भेजे गए है। सभी गोवंशों को अगल से शिफ्ट कर दिया है। उनकी देखभाल के लिए अलग से सेवकों की ड्यूटी भी लगा दी गई है। जो उनके खाने पीने व उनकी दवा का ध्यान रख रहे है। वहीं दवा के स्प्रे के लिए मशीन भी मंगवा ली है। जिससे इन संक्रमित व गोशाला में जितने भी गोवंश है उन पर डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवा का स्प्रे किया जा रहा है। दिन में कई बार इस दवा का स्प्रे किया जा रहा है।
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जानकारी देते गोशाला के मैनेजर नवीन शर्मा।
गाय के लिए लंपी स्किन डिजीज जानलेवा
गायों में लंपी स्किन डिजीज बीमारी लगातार फैल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से पशुपालक गायों को इलाज के लिए करनाल स्थित उचानी चिकित्सालय पहुंच रहे है। पशुपालकों का कहना है कि जैसे कोरोना संक्रमण लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा था, उसी तरह पशुओं में खासकर गायों के लिए लंपी स्किन डिजीज बीमारी खतरनाक बन चुकी है। बीमारी की रोकथाम के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं है। बीमारी से पीडि़त पशुओं ने खाना पीना छोड़ देते है। गांव में तो कोई भी पशु रोग विशेषज्ञ पशुओं का इलाज तक नहीं कर रहे है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर भी बीमारी का इलाज करने में असमर्थ नजर आ रहे है। दवा दी जा रही है, कह रहे है कि जल्दी ठीक हो जाएगी। बीमारी से पीड़ित गाय दूध तक नहीं दे पा रही है, दवा न होने के चलते ग्रामीण देसी नुस्खें आजमा रहे है ताकि किसी तरह पशुओं को जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके।
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जानकारी देते उप निदेशक धर्मेंद्र कुमार।
पशुपालक बरते सावधानी
पशुधन विकास परियोजना विभाग के उप निदेशक धर्मेंद्र कुमार ने बताय कि लंपी स्किन डिजीज पशुपालकों को घबराने की बात नहीं है, वायरल बीमारी है। किसान अगर थोड़ी सी सावधानी बरते तो बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है, सभी पशु चिकित्सकों को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। लगातार गांव व गौशालाओं का विजिट किया जा रहा है। उन्होंने किसानो से आग्रह किया कि वे पशुओं को मच्छर व चीचड़ से बचाकर रखें, क्योंकि इनसे ही लंपी स्किन डिजीज फैलने का अंदेशा रहता है, इसलिए पशुपालक पशुओं पर मच्छरदानी लगाकर रखें। अगर दोनों ही चीजों से पशुओं को बचाकर रखेंगे तो बीमारी फैलने का डर नहीं रहेगा।
बीमार होने पर अन्य पशुओं से रखे दूर
धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में अभी 80 पशुओं में लंपी स्किन डिजीज के बीमारी के लक्ष्ण सामने आए है। इस बीमारी से अगर कोई पशु बीमार है, और उसको सही समय पर इलाज मिलें तो वो ठीक हो जाएगा। उन्होंने पशुपालकों से कहा कि वे पशुओं को मक्खी, मच्छरों से बचाकर रखें, क्योंकि बरसात का समय है। अगर कोई पशु बीमार है तो उसे अन्य पशुओं से दूर रखें। उसका पास के पशु चिकित्सालय में जाकर उसका इलाज करवाएं।
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गोशाला में बीमारी से ग्रस्त गाय।
दक्षिण अफ्रीका की है यह बीमारी
उन्होंने कहा कि सामान्यता ये बीमारी हमारे देश की नहीं है, दक्षिण अफ्रीका की बीमारी है। विभाग ने सरकार से दवा की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला में 3 लाख 56 हजार गाय-भैंस है। बीमारी दोनों पशुओं में ही फैल रही है, उन्होंने कहा कि पशुओं के शरीर पर गांठे पड़ जाती है ओर फूट जाती हैं। जिससे संक्रमण फैलने का डर रहता है, अगर समय रहते बीमार पशु को दवा दे दी जाएगी तो वो ठीक हो जाएगा। फिलहाल जिले में बीमारी से पशुओं की मौत की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई हैं।
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