करनाल में घुटने लगा दम, AQI 370: 24 घंटे में 27 अंक और बढ़ा CM सिटी का एयर क्वालिटी इंडेक्स, प्रशासन के दावे फेल

 

आंखों में जलन सीने में तूफान सा क्यूं है, इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यूं है यह न तो कोई शेरो शायरी है और न ही कोई अफसाना। हकीकत है। जिससे हर कोई दो चार हो रहा है। सांस लेने में दिक्कत है। आंखों में जलन है। कईयों के फेफड़े धौंकनी की तरह हो गए है। गले का बुरा है। वजह है, तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण। वायुमंडल में कार्बन पार्टिकल बढ़ गए हैं। जो सांस के साथ शरीर में जाकर गले में खुजली कर रहे हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को तो और भी बुरा हाल है। उनके लिए तो यह प्रदूषण कयामत बना हुआ है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ते हुए खतरे के लेवल पर है। मौजूदा समय में जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 370 आंका गया है। ऐसे में प्रशासन के पास इससे बचाव का कोई तरीका ही नहीं है।

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नेशल हाईवे पर कोहरे का दृश्य।

नेशल हाईवे पर कोहरे का दृश्य।

कुदरत के भरोसे अफसर

हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड करनाल के एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा कहते हैं कि अब या तो हवा चले, या फिर बरसात हो जाए तो ही प्रदूषण से राहत मिल सकती है। इसके अलावा अब कोई चारा नहीं है। कहना गलत नहीं होगा कि अब हमारी सांस के लिए शुद्ध हवा अब कुदरत पर निर्भर है।​​​​​​​

एक्सईएन दावा करते हैं कि जिले में निर्माण पर रोक लगा दी है। लेकिन उनके दावे के विपरीत शहर में लगातार निर्माण कार्य जारी है। उनका यह भी दावा है कि फायर ब्रिगेड की ओर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। शहरवासियों का कहना है कि आज तक एक भी जगह छिड़काव होता तो देखा नहीं। अब पता नहीं फायर ब्रिगेड की गाड़ी कहां छिड़काव कर रही है।

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रात को आसमान में छाए धुंए के गुबार का दृश्य।

रात को आसमान में छाए धुंए के गुबार का दृश्य।

दो दिन में 250 से पहुंचा 370 तक AQI

​​​​​​​हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड करनाल के एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले दिनों 250 तक चल रहा था, लेकिन एक दो दिनों में ये करीब 370 तक पहुंचा है। उनका कहना है कि इस बार पराली जलाने की घटनाएं भी कम हुई है। फिर प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है, इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं है।

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घर से बाहर निकलने से करे परहेज

​​​​​​​इधर डॉक्टर संदीप सोनी ने बताया कि इस मौसम में लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। जो लोग सुबह शाम रेस लगाते हैं, अब इससे परहेज करना चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले। मास्क जरूर पहनना चाहिए। इससे कुछ हद तक प्रदूषण से बचा जा सकता है। डॉक्टर का कहना है कि हवा में कार्बन की मात्रा बढ़ने का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है। इस वजह से चक्कर आना, सिर में दर्द जैसी दिक्कत भी आम हो जाती है। उन्होंने बताया कि इससे बचने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए।

कोहरे से निकलते वाहन।

कोहरे से निकलते वाहन।

कूड़े में आग लगाने की घटना आज भी आम

​​​​​​​शहर वासियों का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सिर्फ कार्यालय में बैठ कर व्यवस्था दुरूस्त करने का दावा कर रहे हैं। जबकि हकीकत में ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है। अभी भी दिन में बिजली जाने पर कई जगह जनरेटर सेट चल रहे हैं। इन्हें न तो बंद कराया जा रहा है, न ही इनकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही शहर में कई जगह कूड़े में अभी भी आग लगाने की घटना आम है। इस पर भी रोक लगानी चाहिए।

दिल्ली की तरह हो यहां के पर भी इंतजाम

​​​​​​​करनाल के सेक्टर 13 निवासी अशोक कुमार 43 का कहना है कि यहां भी दिल्ली की तरह इंतजाम होने चाहिए। जिस तरह से दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हर कोई चिंतित हो रहा है, राजधानी के लिए योजनाएं बन रही है। इसी तरह की योजना यहां के लिए भी बननी चाहिए। क्योंकि यहां भी तो इंसान ही रहते हैं। प्रदूषण की मार तो यहां भी उतनी ही है, जितनी दिल्ली में हैं।

 

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