उदयनिधि स्टालिन शनिवार को सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी दी थी।
तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने रविवार शाम को फिर से सनातन धर्म को समाप्त करने की बात कही। उदयनिधि ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं। लोगों ने इसे बेवजह नरसंहार से जोड़ा है।
शनिवार को बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमिल मालवीय ने उदयनिधि के बयान को नरसंहार के लिए उकसाने वाला बताया था। जिसके बाद उदयनिधि ने कहा – पीएम मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?
जानिए कहां से शुरु हुआ विवाद
उदयनिधि स्टालिन शनिवार को चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी दी। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।
उदयनिधि बोले- सनातन धर्म को समाप्त करने की बात हमेशा कहता रहूंगा
उदयनिधि ने रविवार शाम को कहा, मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए आमंत्रित किया है।
कुछ लोग द्रविड़म को भी समाप्त करने की बात करते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि DMK वासियों को भी मार दिया जाना चाहिए?
उदयनिधि ने कहा- मेरे खिलाफ केस दर्ज करो, मै इसके लिए तैयार हूं
उदयनिधि स्टालिन के सनातन को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई है। इस पर स्टालिन ने कहा कि अगर उनके बयान को लेकर कोई केस दर्ज किया जाता है तो वह इसके लिए तैयार हैं।
उदयनिधि ने कहा, सनातन क्या है? सनातन का अर्थ है कुछ भी बदला नहीं जाना चाहिए और सभी स्थायी हैं। लेकिन द्रविड़ मॉडल बदलाव की मांग करता है और सभी को समान होना चाहिए। बीजेपी इंडिया अलायंस से डरी हुई है और उसी को भटकाने के लिए वे यह सब कह रहे हैं…डीएमके की नीति एक कुल, एक भगवान की है।
पिता एमके स्टालिन (दाएं) के साथ उदयनिधि स्टालिन (बाएं)।उदयनिधि तमिलनाडु की DMK सरकार में युवा मामलों के मंत्री भी हैं।
उदयनिधि के बयान पर संत और नेताओं ने क्या कहा
राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा- सनातन धर्म को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जा सकता है। ये धर्म सदियों से चला आ रहा है और सदियों तक चलता रहेगा। उदयनिधि को सनातन का असल मतलब नहीं पता है। वे जो भी कह रहे हैं वो बिल्कुल गलत है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने कहा- तमिलनाडु के कुछ लोगों की हकीकत अब सामने आ रही है। कुछ दिन पहले ही हमने काशी-तमिल समागम का आयोजन किया था और तमिलनाडु के हर गांव में भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। सनातन धर्म अमर है, ऐसे राजनीतिक बयानों से कुछ नहीं होने वाला।
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा- एमके स्टालिन I.N.D.I.A की मजबूत कड़ी हैं और उनका बेटा ऐसे बयान दे रहा है। गठबंधन में शामिल कांग्रेस और बाकी दलों को इस बयान पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। ये बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा- नेताओं के बीच हिंदुओं को गाली देने की होड़ लगी है। 1000 साल से ‘सनातन धर्म’ को मिटाने की कोशिशें हो रही हैं। कोई नहीं मिटा सका।
कांग्रेस ने उदयनिधि के बयान से किनारा किया
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने कहा- हमारा रुख स्पष्ट है। कांग्रेस न तो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर टिप्पणी करती है और न ही इसमें विश्वास रखती है। उन्होंने कहा- हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते।
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2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के साथ हिंदुत्व को सियासी कामयाबी की कुंजी के तौर पर पहचान मिली। इसके बाद विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल किया। भाजपा की लगातार जीत के बाद इसे सत्ता का सक्सेस मंत्र मान लिया गया।
लेकिन दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में हिंदुत्व की पैरोकारी से उलट हिंदू विरोध ही सत्ता की कुंजी बना हुआ है। इसकी शुरुआत 1916 में ही हो गई थी, जब टीएम नायर और पी त्यागराज चेट्टी ने द्रविड़ पॉलिटिक्स की शुरुआत की थी। इन दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के निवासियों को द्रविड़ मानते हुए उन्हें उत्तर भारत में रहने वाले आर्यों से अलग कहा था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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