कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने पर बॉक्सर अमित पंघाल के पिता विजेंद्र सिंह ने कहा कि आर्मी का जवान आगे बढ़ता है। चाहे युद्ध या खेल, कभी भी सेना का जवान पीछे नहीं हटता। इसी नक्शे कदम पर चलते हुए अमित पंघाल कॉमनवेल्थ गेम में आगे ही बढ़ता गया और बिना पीछे देखे गोल्ड मेडल तक का सफर तय किया है। बता दें कि अमित पंघाल आर्मी में सूबेदार है।
अमित पंघाल के पिता हाथ में तिरंगा लेकर मैच देखते हुए
अभी शादी नहीं खेल पर फोकस
अमित पंघाल की शादी को लेकर विजेंद्र सिंह ने कहा कि अभी शादी की तैयारी नहीं है। फिलहाल अमित खेल पर ही फोकस कर रहा है। लगातार तैयारी में जुटा हुआ है। आगे होने वाले ओलिंपिक, एशियार्ड खेल व विश्व चैम्पियनशिप आदि खेलों की तैयारी करेगा। अभी भी अमित अपनी तैयारी के चलते घर पर भी काफी कम समय ही बिताता था। कभी जरूरी काम होता तो वह घर पर आता था। अन्यथा अपना अभ्यास ही करता रहता।
अमित की जीत पर खुशी मनाते हुए
9-10 साल की उम्र में बॉक्सिंग करना किया था शुरू
अमित के भाई अजय पंघाल ने बताया कि अमित पंघाल उनके साथ ही 9-10 साल की उम्र में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस के लिए गांव की ही एकेडमी में जाने लगा था। कोच अनिल ने उन्हें तराशा और 10-12 सालों तक कड़ा अभ्यास करवाया। जिसकी बदौलत आज अमित पंघाल ने जीत हासिल की है।
तीनों राउंड के लिए थी रणनीति
अजय ने कहा कि अमित पंघाल से जब भी बात करते हैं तो मोटिवेट किया जाता है। उसे खुश रखने का प्रयास करते हैं। कभी भी कोई नेगेटिव बात नहीं की जाती, जिससे वह दुखी हो। लगभग बातचीत खेल से संबंधित होती हैं। फाइनल मुकाबले को लेकर भी रणनीति बनाई थी। यह तय हुआ था कि तीनों राउंड में अलग-अलग तरह का गेम खेला जाए। ताकि प्रतिद्वंद्वी को समझ ना आए कि वह खेल किस तरह से खेल रहा है।