रेलवे लाइन पर पड़ा रघुबीर का शव और इक्ट्ठे हुए ग्रामीण।
हिसार के बिचपड़ी गांव के रिटायर्ड इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह के सुसाइड मामले में आज ग्रामीण बिचपड़ी- सरसौद बस स्टैंड पर धरना देंगे। ग्रामीणों ने 14 गांवों की पंचायत बुलाई है। जिसमें वे मीटिंग करके सुबह दस बजे के बाद कोई बड़ा फैसला लेंगे। रघुबीर सिंह रेलवे में इंस्पेक्टर थे और 31 जनवरी 2023 को वे रिटायर हुए थे।
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शुक्रवार को उन्होंने हिसार में रेल के आगे सुसाइड कर दिया। शव के पास मिले सुसाइड नोट में रेलवे पुलिस की उच्च अधिकारी सहित 6 लोगों के नाम लिखे हुए है। रघुबीर के परिजनों ने कल पोस्टमार्टम के बाद उसका शव नहीं उठाया और कहा कि जब तक रेलवे पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होता, तब तक वे दाह संस्कार नहीं करेंगे।
ये लिखा था सुसाइड नोट में
रिटायर्ड इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके विभाग के दो कर्मचारियों ने उसके गांव के सुखबीर व मांगीलाल से रिश्वत कै पैसे खाए थे। जो कि उसने दोनों को वापस दिलवा दिए। इसी बात को लेकर दोनों उससे रंजिश रखते थे।
13 जुलाई 2022 को रेलवे के दो पुलिस कर्मचारियों ने एक झूठी रिपोर्ट करवाई। इसे रीडर के माध्यम से फारवर्ड करके 14 जुलाई डीजीपी के रीडर से फारवर्ड करवा दिया। 24 जुलाई 2022 को उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। जिसमें 27 जुलाई 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। 10 अगस्त 2022 को उसे चंडीगढ़ तबादला कर दिया। इसके बाद पांच महीने बाद वह वापस हिसार आ गया।
करीब पांच महीने बाद 13 जनवरी 2023 को उसकी विभागीय जांच करवा दी। जबकि वह रिटायरमेंट के नजदीक था। इसी दौरान उसने एक गुमनाम चिट्टी हरियाणा के होम मिनिस्टर और डीजीपी को भेज दी, क्योंकि रेलवे ने एक जाति विशेष के लोगों को ही उच्च पदों पर लगाया गया था। इसके बाद उसने एक गुमनाम चिट्टी अपनी साली के लड़के से भिजवा दी।
जिसके बाद रेलवे पुलिस की अधिकारी ने उसके खिलाफ जातिक सूचक शब्द का मामला दर्ज करवा दिया। जो कि झूठा था। इसके बाद उसे लगातार प्रताड़ित किया गया। इसलिए मेरी मौत का जिम्मेदार रेलवे विभाग के उच्च अधिकारी सहित करीब 6 कर्मचारी है।
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